माताओ बहनों की रक्षा के लिए बच्चों को शिक्षा देने का शुभ दिन है कन्या पूजन
शारदा रिपोर्टर मेरठ। नौचंदी स्थित श्री बालाजी मंदिर पर चैत्र नवरात्र के आठवें दिन महाष्टमी पर आर्द्रा नक्षत्र , शोभन योग शुभ मुहूर्त संयोग में माता महागौरी का पूजा अर्चना करके महाष्टमी पर कन्याओं का पूजन किया गया।
मंदिर पुरोहित पँ नीतीश झा द्वारा मंत्रोच्चार द्वारा कन्या पूजन कराया गया। जीवन प्रबंधन आध्यत्मिक धर्म गुरु महंत आचार्य मनीष स्वामी द्वारा ज्योत जलाकर , माँ को हलवा, पुरी,चने का प्रसाद का भोग लगाया गया।मन्दिर के महंत आचार्य मनीष स्वामी ने कहा कि नौ देवियो को नौ कन्या स्वरूप मानकर कन्या पूजन के उपरांत ही नवरात्र के व्रत पूर्ण होते है।
महाष्टमी पर कन्या पूजन करने से विद्या ,बुद्धि,सुख, समृद्धि बढ़ती है। जीवन की दरिद्रता खत्म होती है जीवन मे सदा खुशहाली बनी रहती है। श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के तृतीय स्कंध के अनुसार दो वर्ष की कन्या कुमारी होती है, तीन साल की कन्या त्रिमूर्ति, चार साल की कन्या कल्याणी, पांच साल की कन्या रोहिणी, छ: साल की कन्या कालिका, सात साल की कन्या चंडिका, आठ साल की कन्या शांभवी, नौ साल की कन्या दुर्गा और दस साल की कन्या सुभद्रा देवी का स्वरूप होती हैं।
चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन यानी नवमी तिथि पर देवी सिद्धिदात्री की पूजा के साथ नौ दिवसीय नवरात्रि का समापन होता है। हनुमान चालीसा में अष्टसिद्धियों का जिक्र आता है। ये अष्टसिद्धियां हैं- अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व। ये सभी सिद्धियां मां सिद्धिदात्री की आराधना से भी प्राप्त की जा सकती हैं। हनुमान जी भी अष्टसिद्धि और नवनिधि प्रदान करने वाले देवता माने गए हैं।
महाष्टमी कन्या पूजन में गुरु माता अलका स्वामी, पं धीरज स्वामी द्वारा सभी कन्याओं का तिलक करके जल से चरण धोकर प्रसाद,फल,दक्षिणा भेट की गई। कन्या पूजन में अलका स्वामी विशाखा,योगेंद्र,ज्ञानेश्वर शर्मा, उपस्थित रहे।