शारदा रिपोर्टर मेरठ। हरियाणा बार्डर पर शामली में चार दुर्दांत बदमाशों से मुठभेड़ में घायल एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद हो गए। इंस्पेक्टर ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए चारों बदमाशों को मौत के घाट उतार दिया था। उनका गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। गोली ने उनके लीवर को भी डेमेज किया था। डॉक्टरों ने कहा था कि अगले 24 घंटे उनके लिए बेहद अहम हैं। आपरेशन करके दो गोलियां निकाल दी गई थीं। इसके बाद भी उनके लीवर को काफी नुकसान पहुंच गया था। डाक्टरों के अथक प्रयास के बाद भी उनको बचाया नहीं जा सका।
मूल रूप से इंचौली के मसूरी गांव निवासी सुनील कुमार 1 सितंबर 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे। एसटीएफ का गठन होने के बाद उन्होंने 1997 में मानेसर हरियाणा में कमांडो कोर्स किया। इसके बाद 1 जनवरी 2009 से वह स्पेशल टास्क फोर्स में आ गए। 16 साल से वह एसटीएफ में ही थे।
सुनील कुमार 7 अगस्त 2002 हेड कॉन्स्टेबल के पद पर प्रोन्नत हुए। 13 मार्च 2008 को जनपद फतेहपुर में हुई पुलिस मुठभेड़ में ओप्रकाश उर्फ उमर केवट को मार गिराने की घटना में अपनी
जान को जोखिम में डालकर अदम्य साहस व शौर्य हेतु उनको 16 सितंबर 2011 में आउट आफ टर्न प्रमोशन देकर हेड कॉन्स्टेबल से प्लाटून कमांडर पर प्रोन्नत किया गया। सराहनीय कार्य को दृष्टिगत 22 अप्रैल 2020 को दलनायक के पद पर प्रोन्नत किया गया।