– गर्दन पर झपट्टा मारा,
बिजनौर। कॉन्स्टेबल के पिता को तेंदुए ने नोच-नोच कर मार डाला। शुक्रवार रात वह डेयरी पर दूध पहुंचाकर लौट रहे थे, तभी अचानक तेंदुए ने हमला कर दिया। तेंदुए ने उनकी गर्दन पर झपट्टा मारा। इसके बाद वे तेंदुए से भिड़ गए। करीब 20 मिनट तक उससे लड़ते रहे, लेकिन आखिरी में तेंदुआ हावी हो गया। उन्हें घसीटकर 50 मीटर दूर ले गया और नोचने लगा।
उनकी चीख-पुकार सुनकर गांव वाले मौके पर पहुंच गए। लाठी फटकार कर उन्होंने तेंदुए से कॉन्स्टेबल के पिता को छुड़ाया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। यह घटना चांदपुर थाना क्षेत्र के संसारपुर गांव की है।
कमलजीत सिंह पेशे से किसान थे। उनके पास 20 बीघा जमीन थी। बेटा हनी यूपी पुलिस में सिपाही है और उसकी तैनाती बुलंदशहर के नरोरा में है। उनकी एक बेटी भी है, जिसकी अभी शादी नहीं हुई है।शुक्रवार रात साढ़े सात-आठ बजे के बीच कमलजीत सिंह डेयरी पर दूध पहुंचाने गए थे।
वहां से लौटते समय तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। तेंदुए ने किसान के सिर, कान, गर्दन और पीठ पर हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उसी दौरान वहां से गुजर रहे ग्रामीणों ने शोर मचाया। लाठी फटकारने पर तेंदुआ कमलजीत सिंह को छोड़कर जंगल में भाग गया। ग्रामीणों ने घायल कमलजीत सिंह को अमरोहा के धनौरा ले जाकर एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
कमलजीत सिंह की मौत के बाद ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। शव को चांदपुर-धनौरा मार्ग पर रखकर प्रदर्शन करने लगे। इसकी जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम और पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन गुस्साई भीड़ ने उनकी एक न सुनी।
इसके बाद अफसरों को सूचना दी गई। एसडीएम चांदपुर नितिन तेवतिया देर रात गांव पहुंचे। उन्होंने सुबह 4 बजे तक ग्रामीणों को समझाया। इसके बाद घरवाले पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हुए। परिजनों की मांग थी कि कमलजीत सिंह की बेटी को ट्यूमर है, उसके इलाज में सरकारी मदद मिले। बेटी का इलाज ऋषिकेश के एम्स से चल रहा है। वहीं, किसान के कृषि कार्ड के ब्याज की माफी हो।
परिजनों को 5 लाख मुआवजा मिलेगा
एसडीएम चांदपुर नितिन तेवतिया ने बताया- बेटी के इलाज में मदद के लिए कहा गया है। वह डिटेल्स देंगे तो आगे फारवर्ड कर मदद दिलाई जाएगी। मृतक के परिजनों को 5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। कृषि कार्ड का मामला अलग है, वह हमारे क्षेत्र में नहीं है। तेंदुए को पकड़वाने का इंतजाम किया जाएगा। गांव में और जगह भी पिंजरे लगाए जाएंगे।