- सपा-कांग्रेस ने डीएम ऑफिस के दरवाजे किए बंद,
- मेरठ तक पहुंची आंबेडकर विवाद की आंच, तीन बड़े नेताओं के इस्तीफे की मांग।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी के विरोध में गुरुवार को सपा और कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया। सपा कार्यकतार्ओं ने कमिश्नरी से कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला और अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।
कांग्रेस कार्यकतार्ओं ने कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी कार्यालय के गेट बंद करके प्रदर्शन किया। उन्होंने बाबा साहब के साथ-साथ कांग्रेस के 18 दिसंबर को विधानसभा के प्रदर्शन को रोकने के लिए कांग्रेस कार्यकतार्ओं को नजर बंद किए जाने का भी विरोध किया और प्रधानमंत्री मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की। विपक्षी राजनीतिक संगठनों के विरोध प्रदर्शन की सूचना के चलते जिला प्रशासन और पुलिस गुरुवार सुबह से ही सतर्क थे।
कमिश्नरी चौराहे पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और अधिकारी तैनात थे। लगभग 12:00 बजे सपा जिला अध्यक्ष विपिन चौधरी के नेतृत्व में सपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी कमिश्नरी चौराहे पर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की फोटो लेकर पहुंचे। उन्होंने नारेबाजी करते हुए कलेक्तट्रेट क जुलूस निकाला। कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया।
जिला अध्यक्ष विपिन चौधरी ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बाबा साहब का अपमान किया है। उन्होंने भारत के संविधान निमार्ता पिछड़ों और दलितों के मसीहा और भारत रत्न के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी की है। समाजवादी पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम सिटी को सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने राष्ट्रपति से अमित शाह को गृहमंत्री के पद से बर्खास्त करने की मांग की है।
वहीं, कांग्रेस कार्यकतार्ओं ने कार्यवाहक जिला अध्यक्ष अवनीश काजला, महानगर कार्यवाहक अध्यक्ष जाहिद अंसारी के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट में जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय के गेट बंद करके उसपर कब्जा कर लिया और जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी हाथों में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के फोटो लिए हुए थे।