– एक महीने में लखनऊ आकर जवाब दाखिल करने के निर्देश।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगाने के लिये मेरठ और बागपत के अधिकारियों के बिना होमवर्क किये आने पर चार सदस्यीय कमेटी नाराज हो गई। कमेटी के अध्यक्ष एमएलसी मानवेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को एक महीने के अंदर लखनऊ आकर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके लिये दोनों जनपदों के जिलाधिकारियों को अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों से स्पष्टीकरण लेने को भी कहा है।
शिक्षा के क्षेत्र में व्यवसायीकरण काफी तेजी से हो रहा है। इसको लेकर छात्र और अभिभावक काफी परेशान हैं।
सरकार ने इस व्यवसायिक रवैये पर लगाम लगाने के लिये विधान परिषद की चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। जो पूरे प्रदेश का दौरा करके शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग और अन्य विभागों के अधिकारियों से वार्ता कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
सोमवार को विकास भवन में कमेटी के सभापति विधायक मानवेन्द्र सिंह, विजय बहादुर पाठक, अंगद सिंह और अविनाश चौहान ने मेरठ और बागपत के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक के बाद सभापति मानवेन्द्र सिंह ने बताया कि बागपत से डीआईओएस और समाज कल्याण अधिकारी नहीं आए। डीएम की जगह सीडीओ को भेजा गया था। इसके अलावा बागपत और मेरठ के जो अधिकारी बैठक में आए, उनके पास कोई जानकारी नहीं थी। अधिकांश अधिकारी होमवर्क किये बिना आए थे।
वहीं मेरठ के अधिकारियों का भी यही हाल था। सभापति ने बताया कि बैठक में इस बात पर चर्चा होनी थी कि छात्रों को कॉशन मनी में दिक्कतें आ रही है। शिक्षण संस्थानों के पास पान, गुटखा और शराब की दुकानें संचालित हैं। छात्रवृत्ति को लेकर काफी शिकायतें मिल रही है। आरटीई के तहत बच्चों के एडमीशन नहीं हो रहे हैं। सभापति ने बताया कि अधिकारियों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया गया है। दोनों जनपदों के जिलाधिकारियों से कहा गया है कि गैरहाजिर अधिकारियों से स्पष्टीकरण लिया जाए। वहीं एक महीने के अंदर लखनऊ आकर जबाव दाखिल करना होगा। बैठक में एमएलसी धर्मेन्द्र भारद्वाज, एमएलसी अश्विनी त्यागी, सीडीओ नुुपुर गोयल, डीआईओएस आदि मौजूद थे।
वहीं इससे पूर्व सर्किट हाउस में पहुंचने पर कमेटी के सदस्यों का एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज, शारदा मीडिया हाउस के निदेशक अमित गर्ग, भाजपा नेता मनोज पोसवाल ने सभी का स्वागत किया।