• विनायक विद्यापीठ कालेज गेट पर प्लाटधारकों ने किया हंगामा,
  • मौके पर पहुंची पुलिस।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। पावलीखास के समीप स्थित विनायक विद्यापीठ कालेज के गेट पर करीब 10 प्लाटधारकों ने हंगामा किया। उन्होंने इस दौरान आरोप लगाया कि वह अपने प्लाट पर जा रहे हैं, उन्हें कालेज के गार्ड रोक रहे हैं। उनकी गार्ड से कहासुनी भी हुई। प्लाट धारकों ने ऊर्जा राज्य मंत्री डा सोमेन्द्र तोमर पर कालोनी का रास्ता कब्जाने का आरोप लगाया। हंगामे और प्लॉटधारकों के आरोपों का वीडियो वायरल हो रहा है।

वायरल वीडियो में हंगामा कर रहे प्लाट धारक बता रहे है कि वर्ष 2008 में साई ट्रस्ट बनाकर यहां कालोनी बनाई गई थी। कुछ जमीन पर विनायक विद्यापीठ कालेज की स्थापना हुई। 37 लोगों ने यहां प्लाट खरीदे। उस समय यहां सड़क बनी हुई थी। बाद में इस सड़क का निर्माण तत्कालीन सरधना विधायक ठा. संगीत सोम ने अपनी विधायक निधि से
कराया था।

अब राज्यमंत्री डा सोमेन्द्र तोमर ने इस कालेज के मालिक होने के नाते उनकी सड़क पर कब्जा कर लिया है। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया। सभी प्लाट मालिक पुलिस को तहरीर दिए बिना वापस चले गए। मुजफ्फरनगर के गांव सोरम निवासी नीरज कुमार ने मुख्यमंत्री पोर्ट पर इस मामले की शिकायत की है। रास्ता नहीं हमारी जमीन है कोर्ट में केस जीत चुके हैं।

रास्ता निजी तो विधायक निधि से कैसे बना: प्लॉटधारकों का कहना है कि मुख्य मार्ग से कॉलोनी तक जाने वाला रास्ता सरधना विधायक ठा. संगीत सोम की निधि से बना था। अब सवाल ये उठता है कि यदि यह मार्ग निजी है तो फिर विधायक निधि से कैसे बन गया। इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।

कालोनी का रास्ता हुआ बंद: जिस कॉलोनी में लोगों ने प्लॉट लिए हैं, उसकी चारदीवारी हो चुकी है। एकमात्र यही रास्ता उनके आने-जाने के लिए बना था। मुख्य मार्ग से यह रास्ता सीधे कॉलोनी में जाता है, जबकि इस संपर्क मार्ग से कुछ आगे चलने पर मुड़ने के बाद विनायक विद्यापीठ का मुख्य द्वार बना है। लेकिन अब मुख्य मार्ग पर ही विनायक विद्यापीठ कालेज का गेट बन जाने से कॉलोनी के लोगों का आने-जाने का रास्ता बंद हो गया है।

सस्ते में जमीन खरीदने की साजिश है

विनायक विद्यापीठ के पास हंगामा करने वाले लोगों ने शारदा मीडिया रिपोर्टर को बताया कि उनके जाने का रास्ता बंद होने पर इन प्लॉटों की कोई कीमत नहीं रह गई है। ऐसे में हमे मजबूरन इन्हें बेचना पड़ेगा, लेकिन कोई भी अब रास्ता न होने से इन्हें खरीदने नहीं आएगा। ऐसे में कीमती जमीन को औने-पौने दाम में खरीदने के लिए साजिशन उनका रास्ता बंद किया गया है।

रास्ता नहीं था तो कैसे काट दी कॉलोनी

साई ट्रस्ट द्वारा इस जमीन पर प्लॉटिंग कर उन्हें बेचा गया था। अब यह भी सवाल उठता है कि यदि रास्ता सार्वजनिक नहीं था, तो कॉलोनी कैसे काट दी गई? दूसरे यदि यह कॉलोनी वैध है तो मेडा ने इसका नक्शा कैसे स्वीकृत कर दिया? यदि यह कॉलोनी अवैध है तो अब मेडा ने इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की? लेकिन इस सबके फेर में बेचारे प्लॉट खरीदने वाले यहां फंस गए हैं।

विनायक विद्यापीठ कालेज के गेट 6 पर हंगामे की सूचना मिली थी। चौकी प्रभारी शैलेंद्र सिंह को मौके पर भेजा गया था। हंगामा कर रहे लोगों से तहरीर देने को कहा गया था, वह बिना तहरीर दिए बिना वापस चले गए। – मुन्नेश सिंह, थाना प्रभारी पल्लवपुरम

प्लाटधाराक जिसे रास्ता बता रहे हैं, वह विनायक विद्यापीठ कालेज की जमीन है। इसकी रजिस्ट्री उनके पास है। यह मामला कोर्ट में चला। वर्ष 2014 में वह कोर्ट से केस जीत गए हैं। केस जीतने के बाद उन्होंने कालेज की सुरक्षा के लिए गेट लगवाया था। प्लाट मालिकों को दिक्कत है तो वह दोबारा कोर्ट जाएं। – डा. सोमेंद्र तोमर, ऊर्जा राज्य मंत्री

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