– नगर निगम और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का दंश झेल रहा करीम नगर।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। नगर निगम के करीम नगर के हालात इसकी उपेक्षा की हकीकत को दशार्ते हैं। क्षेत्र में अच्छी खासी आबादी है, जो हर चुनाव में अपनी जिम्मेदारी निभाती है। लेकिन, यहां व्याप्त असुविधाएं बता रही हैं कि, जिम्मेदारों ने इस इलाके को भुला सा दिया है।
इस वार्ड में हादसों को दावत देते बिजली के तार सिर पर झूलते नजर आते हैं। शहर में नगर निगम के क्रीम नगर में करीब 50 हजार लोग निवास करते हैं। इनमें करीब 10,450 मतदाता अपने मत का प्रयोग करते हैं। वार्ड में सीवर लाइन का अस्तित्व नहीं है। गंदगी खुले नालों में बहती है। बारिश में नालों का पानी ओवरफ्लो होकर घरों तक में घुस जाता है। क्षेत्र में स्थिति और भी बदतर है, जहां डेयरी से निकलने वाला गोबर सीधे नालियों में बहाया जाता है। इससे नालियां चोक हो जाती हैं और गंदगी का अंबार लग जाता है।
जबकि, करीम नगर राजकीय इंटर कॉलेज के पास नाले के अंदर बह रही गंदगी लोगों को नरकीय जीवन जीने के लिए मजबूर कर रही है। स्थानीय क्षेत्र वासियों के मुताबिक इस नाले में पिछले काफी समय से नगर निगम कर्मचारियों द्वारा सफाई नहीं हुई है। जिसके चलते नाले से निकलने वाली दुर्गंध लोगों को खाता परेशान कर आई दिखती है। आलम यह है कि, नाले में पानी तक दिखाई नहीं दे रहा है।
जिसके चलते गंभीर और संक्रामक बीमारियों के होने का अंदेशा भी लगातार बना रहता है। बावजूद इसके नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी यहां की साफ सफाई व्यवस्था से आंखें मुद्दे बैठे हैं। जबकि, यहां से रोजाना सैकड़ो स्कूली छात्र और छात्र निकलते हैं, जिन्हें भारी दुश्वारियां का सामना करना पड़ता है।