jam problem in meerut: शहर के जाम का ट्रेफिक पुलिस के पास नहीं कोई समाधान, लोग परेशान

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शारदा रिपोर्टर मेरठ। रोजाना शहर में लगने वाले जाम को लेकर ट्रेफिक पुलिस के पास कोई समाधान नहीं है। जबकि कुछ इलाकों के हालात तो इतनी बदतर है कि, जिस दूरी को पार करने के लिए लोगों को 5 मिनट लगता है, उसे पार करने में अब आधे आधे घंटे का समय लग रहा है। जिसको लेकर लोगों में ट्रैफिक विभाग के खिलाफ गुस्सा है।

चाहे शहर के मुख्य मार्ग हो, चौराहे हो या फिर तंग गलियां। सुबह से दोपहर तक शहर जाम की चपेट में रहता है। जबकि शहर को जाम मुक्त बताने वाला ट्रैफिक पुलिस विभाग बेवजह अपनी पीठ थपथपाता रहता है। अगर अधिकारी अपने एसी कमरों से बाहर निकल कर शहर की यातायात व्यवस्था को देखें तो उन्हें पता चलेगा कि आखिर शहरवासियों को कैसे जाम के झाम से जूझना पड़ता है।

रोजाना की तरह सोमवार को भी शहर के अधिकांश इलाके के जाम की चपेट में रहे। वेस्टर्न रोड, दिल्ली रोड, गढ़ रोड आदि के साथ ही एसएसपी और डीएम कार्यालय के सामने भी जाम लगा रहा। यानी सीधे तौर पर ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की लापरवाही के चलते शहर के तमाम इलाकों में भीषण जाम लगता दिखाई दिया। सबसे ज्यादा खराब हालत तो कचहरी के आसपास दिखे। जहां कचहरी चौराहे से लेकर एसएसपी आवास तक लंबा जाम लग रहा। इस भीषण जाम के चलते लोगों को अपना वाहन रेंग रेंगकर चलना पड़ रहा था। जबकि, इस भीषण जाम में कुछ लोग ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को ढूंढते नजर आए। लेकिन उनका कहीं कुछ पता नहीं चला।

हालांकि, कचहरी चौराहे के पास एक होमगार्ड खड़ा हुआ जरूर दिखाई दिया। लेकिन, वह भी अपने मोबाइल में मस्त था। कोई व्यवस्था न होने के चलते जम के हालात और भीषण हो गए और जो दूरी लोगों को 5 मिनट में तय करनी थी वह दूरी 40 मिनट में हो सकी। इसके अलावा स्कूलों की छुट्टी होने के बाद वेस्ट एंड रोड और मंदिर मार्ग पर भीषण जाम लग गया। यहां से जल्दी निकलने के चक्कर में कई वाहन स्वामी रॉन्ग साइड में चलते दिखाई दिए। जिसके चलते जाम और भीषण हो गया। हालांकि यहां ट्रैफिक पुलिस का एक सिपाही ट्रैफिक को दुरुस्त करने की कोशिश करता रहा लेकिन सही व्यवस्था न होने के चलते न केवल अभिभावकों को बल्कि बच्चों को भी जाम में फंसा रहना पड़ा। जिसके चलते लोग यातायात विभाग को कोसते नजर आए।

 

लोगों का आरोप है कि, गाड़ी के कागज दिखाने के नाम पर ट्रैफिक पुलिस उनसे पैसे तो ऐंठ लेती है। लेकिन, जब यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने की बात आती है तो दूर-दूर तक कोई ट्रैफिक पुलिस कर्मी दिखाई नहीं देता। जिसके चलते न केवल लोगों का समय बर्बाद होता है। बल्कि हजारों रुपए का तेल भी बेवजह बर्बाद हो जाता है।

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