Income Tax raid

Big News Meerut: अरिहंत प्रकाशन के ठिकानों पर आयकर का छापा, दो सहयोगियों के यहां भी पहुंच गई टीम, भारी फोर्स रही तैनात

  • गुरूवार सुबह ही टीम ने प्रकाश के आवास, गोदाम, प्रेस पर मारा छापा, 

शारदा रिपोर्टर मेरठ। शहर के बड़े पब्लिशर अरिहंत प्रकाशन के मालिक के कई ठिकानों पर गुरुवार को इनकम टैक्स की टीम ने छापेमारी की। आयकर विभाग की टीम साकेत स्थित कोठी, प्रेस और ऑफिस पर सुबह ही पहुंच गई।

अरिहंत प्रकाशन के मालिक योगेश जैन साकेत में कोठी नंबर 147 में रहते हैं। सुबह ही आयकर की टीमें उनके यहां पहुंची है। दस्तावेज खंगाल रही है। दरअसल, अरिहंत प्रकाशन बड़े प्रकाशकों में गिना जाता है। देशभर में इनकी छापी किताबें, गाइडें और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों की पुस्तकें चलती हैं। वहीं, लगातार शहर में उद्यमियों के यहां इनकम टैक्स की रेड से खलबली मची है।

अरिहंत प्रकाशन का गोदाम जहां टीपीनगर थाना क्षेत्र के ज्वालानगर में है, तो प्रेस एनएच-58 पर अंसल सिटी के पास प्रिंटिंग प्रेस है। आयकर विभाग की टीम सुशांत सिटी में मनोज सिंघल के यहां भी टीम छापा मारने पहुंची है। बताया जा रहा है कि, मनोज सिंघल अरिहंत प्रकाशन के लिए जमीनों की खरीद-फरोख्त का काम देखते हैं। इसलिए टीमें वहां भी टीम गई हैं।

वहीं, अरिहंत जैन की कोठियां और ऑफिस बनाने वाले आर्किटेक्ट असित गुप्ता के घर पर भी आयकर की टीमें पहुंची हैं। नेहरु नगर में असित गुप्ता के आवास पर सुबह सुबह आयकर की टीम पहुंची और सर्वे कर रही है। छापेमारी की सूचना मिलते ही भाजपा महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज भाजपा कार्यकतार्ओं संग साकेत पहुंचे और आयकर विभाग की छापेमारी का विरोध किया।

आयकर विभाग की टीम ने घर में मौजूद लेपटॉप का पासवर्ड संजय जैन के बेटे से लेकर जब उसे खोला तो मामला आगे बढ़ता चला गया। उसमें तमाम लेनदेन और साझीदारों के हिसाब किताब मौजूद थे। जिसमें घोषत और अघोषित संपत्ति और रुपयों का पूरा डेटा था।

मनोज सिंघल की डायरी खोल सकती है बड़े राज: मनोज सिंघल के यहां आयकर विभाग की टीम पहुंचने के बाद शहर के तमाम रियलइस्टेट कारोबारियों में बैचेनी हो गई है। क्योंकि मनोज सिंघल शहर का सबसे बड़े प्रोपर्टी डीलरों में शामिल है। जो जमीनों के बड़े सौदे पूरे देशभर में कराता है। करीबी सूत्रों की मानें तो मनोज भी अपनी डायरी में पूरा हिसाब किताब मेंटेन करता है। यदि यह डायरी आयकर विभाग के हाथ लगी तो शहर में कई और बड़े नाम आयकर के रडार पर आ सकते हैं।

तोड़ दी कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क: आयकर विभाग की चल रही छापेमारी और संजय जैन के बाद आज शुरू हुई कार्रवाई ने शहर के कारोबारियों में भय पैदा कर दिया है। इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जो शहर के बड़े ज्वैलर्स आदि हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से रियल एस्टेट कारोबार में शामिल हैं। ऐसे लोगों ने अपने एकाउंटेंट के माध्यम से अपनी हार्ड डिस्क को तत्काल क्रेश करा दिया है।

 

संजय जैन के बेटे के आने के बाद आगे बढ़ा मामला

संजय जैन का बेटा हांगकांग गया हुआ था। छापेमारी के बाद बुधवार सुबह जब वह वापस लौटा तो एयरपोर्ट से ही आयकर विभाग की टीम ने उसे हिरासत में ले लिया। संजय जैन के बेटे का फोन जब्त कर जब देखा गया तो उसमें कुछ नहीं मिला। बताया गया कि वह अपना फोन छापेमारी की सूचना के बाद हांगकांग में ही छोड़ आया और नया फोन ले लिया।

 

 

संजय जैन से जुड़े हैं इस छापेमारी के तार

सूत्रों की मानें तो मंगलवार सुबह से आयकर विभाग की शहर में चल रही छापेमारी देहरादून के कारोबारी राजीव जैन और मेरठ निवासी उनके समधी संजय जैन से जुड़े हैं। इन लोगों के द्वारा बिहारीगढ़ के पास ली गई 500 एकड़ जमीन ने इस छापेमारी की पटकथा लिखी है। यह जमीन करीब एक हजार करोड़ रुपये की बताई जा रही है। जिसमें देहरादून सहित मेरठ के दस कारोबारी पार्टनर हैं।

संजय जैन के यहां से लौटी टीम

मेरठ। संजय जैन के यहां गुरूवार सुबह तक छापामारी चली। इसके बाद टीम वहां से निकलकर सीधे अरिहंत प्रकाशन और उनके दोनों सहयोगियों के ठिकाने पर पहुंच गई।

कमल ठाकुर व प्रदीप गुप्ता के यहां नहीं मिला खास

सूत्रों की मानें तो विश्वकर्मा इंडस्ट्रीयल एरिया के तीनों साझेदारों में शामिल कमल ठाकुर और प्रदीप गुप्ता पिंकी के यहां आयकर विभाग को कुछ खास नहीं मिला है। दोनों ही टीम के जाने के बाद निश्चिंत नजर आए। कमल ठाकुर के आवास से आयकर विभाग को करीब पांच लाख रुपये की नकदी और कुछ जेवरात व गिन्नियां आदि मिली हैं। जबकि प्रदीप गुप्ता के आवास पर आयकर विभाग की टीम पहुंची ही नहीं। ऐसे में माना जा रहा है कि आयकर विभाग के निशाने पर मुख्य रूप से संजय जैन ही थे।

 

आज छापे में रही भारी फोस

 

मंगलवार को कमल ठाकुर के आवास पर व्यापारियों ने प्रदर्शन कर घर के भीतर घुसने का प्रयास किया था। ऐसे में सचेत रहते हुए आज आयकर विभाग की टीम भारी फोर्स लेकर हर ठिकाने पर पहुंची। सबसे ज्यादा फोर्स अरिहंत प्रकाशन के मालिक योगेश जैन के घर पर तैनात है।

 

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *