– सैंचुरी क्षेत्र में हर साल सर्दियां शुरू होने के साथ ही पहुंच जाते हैं विदेशी पक्षी
शारदा रिपोर्टर हस्तिनापुर। सैंचुरी क्षेत्र में इन दिनों विदेशी पक्षियों का झुंड इकट्ठा हो गया है। ये पक्षी लोगों का आकर्षण अपनी तरफ खींच रहे हैं। लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। इस समय वेटलैंड में विदेशी पक्षियों का झुंड एक साथ रहकर खूब अठखेलियां करते नजर आ रहा हैं। जिससे लोगों को विदेशी पक्षी खूब भा रहे हैं।
हस्तिनापुर सेंचुरी क्षेत्र इन दिनों साइबेरियन और यूरेशिया पक्षियों से गुलजार है। पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार कड़ाके की ठंड के मद्देनजर हस्तिनापुर सेंचुरी मेहमान पक्षियों से अधिक गुलजार है। खासकर गंगा में भी अठखेलियां करते पक्षी लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं। मखदूमपुर, खेड़ीकला घाट पर सुबह से शाम तक गंगा के पानी और झीलों में ये पक्षी देखे जा सकते हैं।
सर्दी शुरू होते ही साइबेरिया व अन्य देशों से बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी भोजन की तलाश में गंगा किनारे अपना डेरा डाल लेते हैं। सबसे ज्यादा खादर क्षेत्र में यह पक्षी पाए जाते हैं। हस्तिनापुर वन्यजीव विहार सेंचुरी क्षेत्र 2073 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है। यह सेंचुरी क्षेत्र पांच जिलों में फैला हैबिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, अमरोहा, हापुड़ मैं फैली है ’ यहां गुजर रही गंगा विदेशी मेहमान यानी साइबर पक्षियों की मेजबानी करती है।
इस वर्ष सारस, क्रेन, शॉक्लर, बार हेडेड गीज, रीवर टर्न, ब्रह्मी डक सहित किंगफिशर, कॉमन टेल, कॉम्ब बतख जैसे दर्जनों प्रजाति के विदेशी पक्षी बड़ी संख्या में यहां आए हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पक्षियों की गिनती उनका विभाग नहीं करता है, लेकिन देखने से लगता है कि ठंड ज्यादा पड़ने के कारण गत वर्षो की अपेक्षा इस वर्ष ज्यादा संख्या में विदेशी पक्षी यहां आए हैं।
विदेशी पक्षियों का शिकार करने का है अलग तरीका
जानकार बताते हैं कि एक हाथ से लेकर पांच फीट तक लंबे ये पक्षी अपने-अपने तरीके से शिकार करते हैं। कुछ एकांत में भोजन की तलाश करते हैं, तो कुछ झुंड बनाकर मछलियों को घेर लेते हैं। साइबेरियन पक्षियों के साथ ही बड़े फर वाली चिड़िया, बत्तख, छोटे तथा लंबी गर्दन वाले सारस और विभिन्न प्रजातियों की रंग-बिरंगी चिड़ियां गंगा में अठखेलियां करती नजर आ रही हैं।
खुला मैदान है पसंद
गंगा किनारे लोगों की आवाजाही वाले स्थान को कुछ प्रवासी पक्षी पसंद नहीं करते हैं। इन्हें शांत वातावरण चाहिए। ये ऐसे स्थान भी खोजते हैं जहां खुला मैदान और छिछला पानी हो। जहां उन्हें खाने के लिए आसानी से मछलियां, कीड़े मिल सकें। खुला मैदान उन्हें अपने शत्रु से सतर्क करता है। हल्की सी आहट पर ये उड़ जाते हैं।