शारदा रिपोर्टर
मेरठ। रैपिड प्रोजेक्ट के शुरू होने से लेकर अभीतक मुआवजा न मिलने के कारण किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने बराल परतापुर की खसरा संख्या 337 जमीन में चल रहे रैपिड रेल के कार्यों को रुकवा दिया। कई जगह शिकायत करने के बाद भी मुआवजा न मिलने से परेशान जमीन मालिकों ने यह कदम उठाया। उनका कहना है कि जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक रैपिड का कार्य नहीं होने दिया जाएगा।
परतापुर के रहने वाले राजीव कुमार चड्डा व पंकज नारंग ने बताया कि रैपिड रेल की निमार्णाधीन कंपनी ने मेरठ एडीएम फाइनेंस को मुआवजा राशि दे दी थी लेकिन हम लोगों को मुआवजा अभी तक नहीं मिल सका। किसानों ने आरोप लगाया कि कई बार शिकायत के बाद भी जिला प्रशासन कोई सुनवाई नहीं कर रहा। एनसीआरटीसी के अफसर भी अनदेखी कर रहे हैं।
किसानों ने बताया कि मुआवजा न मिलने की शिकायत चार महीने पहले कमिश्नर से की गई थी लेकिन उसके बावजूद भी मुआवजा नहीं मिला। किसानों ने एलान किया कि जब तक जमीन का मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक वह रैपिड रेल का निर्माण कार्य नहीं होने देंगे।
दूसरी ओर एनसीआरटीसी के जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स का कहना है अधिकांश अधिग्रहित जमीनों का मुआवजा जारी किया जा चुका है। बुधवार को इस प्रकरण में जानकारी की जाएगी। यदि एनसीआरटीसी की ओर से विलंब है तो इसे जल्द निपटाएंगे।