शारदा रिपोर्टर मेरठ। विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर भारतीय हलधर किसान यूनियन के दर्जनों सदस्यों ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने किसानों को हो रही समस्याओं को दूर करने की मांग की।
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मांग करते हुए बताया कि संपूर्ण भारत व उत्तर प्रदेश के किसान जिन समस्याओं से जूझ रहे हैं, उसके लिए पीड़ित किसान आयोग का गठन हो और जो आयोग बनाया जाए उसमें 100% किसान देवताओं का ही समावेश होना चाहिए। आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिये। उत्तर प्रदेश में किसानों के नलकूपों पर जो विद्युत कनेक्शन हैं जो केवल कृषि कार्य करने हेतु उपयोग में ले जाते हैं।
उनका बिल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा माफ किया गया है तो फिर उन नलकूपों पर मीटर क्यों लगाई जा रहे हैं। यह बंद होने चाहिए, क्योंकि इससे किसानों में सरकार की मंशा यह प्रदर्शित हो रही है कि भविष्य में यह सभी नलकूपों पर भारी भरकम बिल भेज दिया जाएगा।
नए बजट में भारत सरकार ने केसीसी को 3 लाख से बढ़कर 5 लाख किया गया है। किसान कृषि कर्ज में डूबा हुआ है। जब तक वह ऋण से मुक्ति नहीं हो जाता तब तक उसे नया कर्ज नहीं मिलेगा। इसलिए एक बार संपूर्ण किसानों का पूर्ण कर्ज माफ होना चाहिए। किसान देवताओं की कृषि उपयोग में जो भी संयंत्र आते हैं उन सभी पर से जीएसटी हटनी चाहिए।
आलू का कोल्ड स्टोर ने किराया में 20 रुपए की वृद्धि की है वह वापस होनी चाहिए। आलू के किसानों की दुर्दशा है कि, सबसे पहले आलू को बागवानी से निकलकर कृषि फसल माना जाए तथा उसके प्रसंस्करण यूनिट लगाई जाएं और भंडारण की समुचित व्यवस्था हो।
किसानों के जीवन में सुधार आ सके। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में सरकार द्वारा गन्नें की मूल्य में 20 प्रति कुंतल की जो मामूली वृद्धि की गई है उसे बढ़ाकर 50 कुंतल कर देना चाहिए।