- सिपाही की गुम हुई पिस्टल सड़क किनारे पड़ी मिली थी, टॉयगन समझकर ले गया।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। पांच दिन से गायब सिपाही की पिस्टल मिलने के बाद पुलिस महकमे ने राहत की सांस ली है। मेरठ पुलिस के सिपाही नीरज 30 जनवरी की रात ड्यूटी करके बाइक से घर लौट रहे थे। अचानक आई आई एम टी के पास पहुंचे कि सामने से आ रहे किसी जानवर से टकरा गए और सड़क पर गिर गए। इस दौरान काफी चोट लग गई।
इसके बाद घायल सिपाही को आईआईएमटी लाइफलाइन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जब उन्हें होश आया तो पता चला कि उनके कमर में लगी सरकारी पिस्टल और कारतूस नहीं है। सिपाही की पिस्टल खोने की सूचना पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। अगले दिन यानी 31 जनवरी को पूरा पुलिस महकमा सरकारी पिस्टल खोजने में जुटा रहा। सीसीटीवी भी खंगाले लेकिन पिस्टल का पता नहीं चला।
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने भी अगले दिन पिस्टल खोजकर लाने वाले को 11 हजार रुपए इनाम देने घोषणा कर दी। साथ ही पूरे मामले में सिपाही की तहरीर पर अज्ञात में मुकदमा भी दर्ज किया गया था। पुलिस लाइन में तैनात सिपाही नीरज कुमार जो इस सुरक्षा ड्यूटी में तैनात है। नीरज के स्वयं के नाम से जारी सरकारी पिस्टल गुम हो गई है। सरकारी पिस्टल मय कारतूस के बिना खोस्टा और सेफ्टी डोरी के सिपाही ने बांयी में कमर लगाई। इसके कारण पिस्टल 30 जनवरी को गुम हो गई। पूरे मामले में भावनपुर थाने में मुकदमा लिखा गया है। वहीं सिपाही की ओर से पिस्टल के रखरखाव में लापरवाही बरतने पर सस्पेंड किया गया है।
आईआईएमटी गेट के पास सड़क किनारे मिली पिस्टल: सिपाही की पिस्टल लौटाने वाले जोमैटो के डिलीवरी ब्वॉय श्रृंग यादव ने बताया। वह गंगानगर ए ब्लॉक में रहता है। 30 जनवरी की रात को खाने की डिलीवरी करने के बाद वह अपने घर रात में बाइक से करीब 11 बजे लौट रहा था। जब वह आईआईएमटी गेट के पास पहुंचा तो सड़क किनारे उसे कुछ दिखाई दिया।
श्रंगार यादव ने अपनी बाइक रोक दी। जब नजदीक जाकर देखा तो पिस्टल पड़ी थी। उसे लगा कि पिस्टल लाइटर है। जब उसने उसे उठाया तो उसका वजन भारी था, तो उसे लगा कि टॉयगन हैं। जिस पर वह उसे उठाकर घर ले गया। घर पर उसने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। कुछ दिन बाद समाचार पत्रों में जब उसने खबर पढ़ी कि एक सिपाही की पिस्टल खो गई है और उसे सस्पेंड कर दिया गया है। खोजकर लाने वाले को 11 हजार का इनाम मिलेगा। तब उसे समझ आया कि यह टॉयगन नहीं बल्कि सिपाही की पिस्टल हो सकती है।
इस पर आज श्रंगार यादव पिस्टल और कारतूस लेकर एसएसपी आॅफिस पहुंचा और दोनों उन्हें सौंप दी। जब एसएसपी ने उसकी पड़ताल की तो पता चला कि ये सिपाही की ही पिस्टल है। अब इस मामले में एसएसपी ने पुलिस को नये सिरे से पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। यदि जांच में श्रंगार यादव सही पाया जाता है तो उसे ग्यारह हजार रुपये का ईनाम दिया जाएगा।