निगम को हैंडओवर के बाद भी सुविधाओं को जूझ रही कॉलोनियां

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2020 में नगर निगम को हैंड ओवर हुई थी कुल आठ कालोनियां।


शारदा रिपोर्टर मेरठ। साल 2020 में एमडीए ने अपनी आठ कालोनियों को नगर निगम को हैंडओवर कर दिया था। करीब 2016 से इन कालोनियों को हैंडओवर किए जाने की प्रकिया चल रही थी। लेकिन कॉलोनियों के हस्तांतरण में बजट की कमी के चलते प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही थी। 2020 में इस प्रक्रिया को पूरी कर नगर निगम को सौंप दिया गया। लेकिन आज तक भी ये कॉलोनियां मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही हैं।

तत्कालीन एमडीए वीसी ने कॉलोनी हैंडओवर करने के साथ ही नगरायुक्त को आठ कालोनियों को 10 करोड़ रुपए के साथ सुपुर्द किया था। इसके बाद साल 2020 में ही विकास कार्य किए जाने थे। लेकिन, कोरोना संक्रमण के कारण किसी प्रकार का विकास कार्य कालोनियों में शुरू नही हो सका। इतना ही नहीं, इससे पहले शास्त्रीनगर सेक्टर 12 और 13 जैसी कालोनियों में भी एमडीए और नगर निगम के बीच विवाद के चलते लोग बेसिक सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।

सभी आठ कालोनियों के विकास के लिए 66 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था। तहत कालोनियों में विकास के लिए पहली किश्त के तौर पर एमडीए वीसी ने नगरायुक्त को पहली किस्त के रूप में 2020 में 10 करोड़ रुपए और दूसरी किस्त के रूप में 2021 में 15 करोड़ की दिए थे।

बेसिक सुविधाओं का अभाव

करोड़ों रुपये मिलने के बावजूद आठ कालोनियों में मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, खडंजे, नालियां, नाले, स्ट्रीट लाइट, जल प्रबंधन आदि की व्यवस्था नहीं हो पाई है। हालांकि नगर निगम का दावा है सड़क, सीवरेज और साफ-सफाई जैसे काम इन कालोनियों शुरू किए जा चुके हैं।

यह कालोनियों हुई थी हैंडओवर

गंगानगर पॉकेट डी, जे, के, एल, एम, एन, ओ और पी पॉकेट, रक्षापुरम, मेजर ध्यानचंद नगर, वेदव्यासपुरी, सैनिक विहार, श्रद्धापुरी पॉकेट-ई, डिफेंस एन्क्लेव पॉकेट-सी, पांडव नगर सेक्टर पाकेट-जी।

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