- निगम कार्यकारिणी की बैठक में लगी मुहर, स्ट्रीट लाइट लगाने वाली कंपनी पर लगे कई आरोप।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। सोमवार को सूरजकुंड रोड़ स्थित मेयर कैंप कार्यालय में हरिकांत अहलूवालिया की अध्यक्षता में नगर निगम की कार्यकारिणी की विशेष बैठक हुई। इस दौरान में स्ट्रीट लाइट की कंपनी को 37 करोड़ बकाया के बदले ढाई करोड़ के आंशिक भुगतान पर मोहर लगाई गई।
बैठक में मेयर और पार्षदों ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस समय शहर अंधेरे में है, लोग परेशान हैं। जबकि, ईईएसएल कंपनी के अधिकारियों को शहरवासियों की समस्या दिखाई नहीं देती। नगर आयुक्त अमित पाल शर्मा ने कहा कि शासन का आदेश है, कंपनी को कुछ भुगतान किया जाए। इसके बाद पार्षदों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि कंपनी के कर्मचारी काम ही नहीं करते तो भुगतना क्यों किया जा रहा है। इस पर नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार से अनुबंधित कंपनी ईईएसएल की पेमेंट रिलीज होने जरूरी है, क्योंकि यह शासन का आदेश है।
मेयर की नाराजगी के बीच मात्र ढाई करोड़ के भुगतान की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा कि दीपावली में करीब 2 महीने का समय बचा है। ऐसे में नगर निगम हर वार्ड के लिए कम से कम 100-100 स्ट्रीट लाइट का व्यवस्था करें। इस पर बैठक में ही मौजूद वित्त नियंत्रक और मुख्य लेखा परीक्षक की राय ली गई। इस पर दीपावली को लेकर 9000 स्ट्रीट लाइट खरीदनें की बात हुई।
मेयर ने नगर आयुक्त से कहा कि आप नगर निगम की इज्जत बचा लो। नगर आयुक्त ने कहा की शहर को लेकर वह हर संभव व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, पार्षद कीर्ति घोपला, संजय सैनी, रेखा सिंह और अन्य पार्षदों ने आरोप लगाते हुए शहर की आधी स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कंपनी को करीब 30 करोड़ के भुगतान का दबाव निगम अधिकारियों द्वारा बनाया जा रहा है। इस मामले में निगम कार्यकारिणी के सदस्यों ने स्ट्रीट लाइट को लेकर कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने, भुगतान पर रोक लगाने की मांग की। पार्षदों ने कहा कि शहर के अधिकांश इलाकों में स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी है और जहां लाइटों की जरूरत नहीं है वह लिए दिन में भी जली रहती है।