– हर साल बाढ़ की विभीषिका में कट जाता है मार्ग, हो जाते हैं गहरे गड्ढे
शारदा रिपोर्टर हस्तिनापुर। खादर क्षेत्र में प्रतिवर्ष बाढ़ तबाही मचाती है। जिसके चलते वहां की फसल वह सड़के खराब हो जाती है। लेकिन बाढ़ समाप्त हो जाने के बाद ना तो सरकार उस पर ध्यान देती है और ना ही लोक निर्माण विभाग। जिससे बाढ़ के चलते सड़क पूरी तरह खराब हो जाती है। सड़क पर बने गड्ढों से दुर्घटना का अंदेशा रहता है।
सरकार द्वारा चलाया जा रहा गड्ढा मुक्त अभियान लगभग पूरा हो चुका है। इसके बाद भी हस्तिनापुर से चांदपुर को जोड़ने वाला राज्यमार्ग का दर्जा प्राप्त संपर्क मार्ग अभी भी पूरी तरह से बदहाल हालत में है। इसमें बने गहरे गड्ढों में कोहरे और धुंध के कारण हादसे की आशंका बनी हुई है। लेकिन लोक निर्माण विभाग की आंखें ही नहीं खुल रही है। गड्ढे के कारण यहां कोई बड़ी घटना हो सकती है।
मुजफ्फरनगर, मेरठ, से होकर चांदपुर जाने वाले वाहन चालक कम दूरी के लालच में जोखिम उठाकर क्षतिग्रस्त सड़क से आवागमन करने को मजबूर हैं। क्षतिग्रस्त सड़क से जोखिम लेकर सैकड़ों वाहन चालक रोजाना आवागमन कर रहे हैं।
पुल व अन्य कार्यों पर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी आमजन को इसका पूरा लाभ नहीं मिल रहा है। इस मार्ग से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों के लिए आवागमन होता है। जलीलपुर क्षेत्र में पांडवनगर पुलिस चौकी से हस्तिनापुर की ओर पहले तिराहे तक सड़क वाहन चलाने योग्य नहीं है। सड़क में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर गढ्ढे बने हैं, जिनके चलते कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है
अगर आप मेरठ या मुजफ्फरनगर की ओर से हस्तिनापुर के रास्ते चांदपुर (बिजनौर) मार्ग पर अमरोहा, मुरादाबाद या गजरौला जाना चाहते हैं तो जरा इस मार्ग पर सावधानी से चलिए, क्योंकि यह मार्ग पिछले दो साल से बदहाल और जर्जर अवस्था में है। सड़क किनारे बने गहरे गड्ढे यहां हादसों को न्योता दे रहे हैं’
अनजाने में पलट जाते हैं वाहन
खेड़ी कला के किसान वीरपाल ने बताया बताया कि गन्ना ले जाने के लिए किसानों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। सड़क पर चलना स्थानीय लोगों के साथ-साथ किसानों के लिए भी काफी मुश्किलों भरा हो रहा है। जान जोखिम में डालकर किसान यहां से खेतों से गन्ने की ढुलाई कर रहे हैं। कई बार हादसे भी हो चुके हैं। वहीं, बाहर से आने वाले अंजान राहगीर इस सड़क पर आए दिन हादसों का शिकार हो रहे हैं।