– अवंतिका देवी मंदिर के गंगा तट पर बाढ़ के बीच पुजारियों ने की आरती।
बुलंदशहर। गंगा पूरी तरह उफान पर है। गंगा के किनारे बसे गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। गंगा के तटवर्ती इलाकों में तीन से चार फीट तक पानी भर गया है। खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। वहीं दूसरी ओर आज सुबह गंगा आरती बाढ़ में ही करनी पड़ी। मां अवंतिका देवी मंदिर स्थित गंगा तट पर बाढ़ के बीच ही मंदिर के पुजारियों ने गंगा आरती की।
नरौरा के चौधरी चरण सिंह गंगा बैराज पर गंगा तीन दिन से खतरे के निशान से 62 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। गंगा में ढाई लाख क्यूसेक प्रति सेकेंड का बहाव होने पर नरौरा बैराज पर खतरे का निशान आ जाता है। लेकिन जलस्तर का हाल यह है कि गंगा 3 लाख क्यूसेक प्रति सेकेंड की दर पर पिछले 24 घंटे से स्थिर है। इससे खादर क्षेत्र में फसलें जलमग्न होने से तटवर्ती इलाकों के किसानों को नुकसान हो रहा है।
एसडीओ अंकित सिंह ने बताया कि तीन दिन पहले हरिद्वार और बिजनौर से 3 लाख क्यूसेक प्रति सेकंड के बहाव पर पास हुए जल का असर अब नरौरा पर हो रहा है। हरिद्वार और बिजनौर बैराजों से जल स्तर मैं गिरावट आने से गंगा का जलस्तर कम होने की संभावना है। फिलहाल गंगा के डाउनस्ट्रीम में 3 लाख 5 हजार 41 क्यों सेक्स प्रति सेकेंड की दर से जल की निकासी हो रही है। जबकि समुद्र स्थल से 179.39 मीटर जलस्तर है।
जल में अधिक सिल्ट के कारण नरौरा से निकली एलजीसी 1000 क्यूसेक और पीएलजीसी नहरें बंद हैं। पिछले 15 साल में नरौरा बैराज से 23 सितंबर, 2010 में 6 लाख 1 हजार 30 और 20 जून, 2013 में 6 लाख 11 हजार 523 और 2023 में 3 लाख 17 हजार क्यूसेक प्रति सेकेंड के खतरे का जलस्तर नरौरा बैराज से पास हो चुका है। अब 2025 में फिर गंगा खतरे के निशान से ऊपर 3 लाख 5 हजार 41 क्यूसेक प्रति सेकेंड की दर से बह रही है।