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Saturday, November 1, 2025
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Homeउत्तर प्रदेशSaharanpurमां शाकंभरी में बाढ़ से बह गए पुल और बैरिकेडिंग

मां शाकंभरी में बाढ़ से बह गए पुल और बैरिकेडिंग

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– शारदीय नवरात्रि मेले की व्यवस्थाएं हुईं चौपट, डीएम-एसएसपी ने ट्रैक्टर पर बैठकर लिया जायजा

सहारनपुर। पश्चिमी यूपी की आस्था का प्रमुख केंद्र सिद्धपीठ मां शाकंभरी देवी मंदिर परिक्षेत्र में गुरुवार देर रात अचानक आई बाढ़ ने शारदीय नवरात्रि मेले की सभी तैयारियों को ध्वस्त कर दिया। शिवालिक पहाड़ियों व मैदानी इलाकों में मूसलाधार बारिश के चलते शाहपुर गाडा, गांगरो और पाडली ग्रन्ट की नदियां उफान पर आ गईं।

पानी का बहाव इतना तेज था कि मंदिर परिक्षेत्र में बैरिकेडिंग और श्रद्धालुओं के लिए बनाया गया अस्थाई लोहे का पुल बह गया। वहीं, डीएम-एसएसपी ने ट्रैक्टर में बैठकर बाढ़ का जायजा लिया।
बुधवार देर रात करीब 11 बजे शाकंभरी खोल में अचानक पानी का बहाव तेज हो गया। मंदिर परिसर में प्रवेश करने वाले अस्थाई पुल और बैरिकेडिंग पानी में समा गए। यहां तक कि मंदिर के मुख्यद्वार के पास स्थित दुकानों से होकर पानी बह निकला।

देर शाम पहुंचे श्रद्धालुओं के कई वाहन भी पानी में फंस गए। पुलिस ने गुरुवार सुबह श्रद्धालुओं को भूरा देव मंदिर के पास रोक दिया और करीब 12:30 बजे पानी का स्तर कम होने पर ही पैदल मंदिर तक जाने की अनुमति दी।

गुरुवार शाम को डीएम मनीष बंसल और एसएसपी आशीष तिवारी ने ट्रैक्टर से शाकंभरी खोल का दौरा कर हालात का जायजा लिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने मेले की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और बाढ़ से क्षतिग्रस्त ढांचे का मूल्यांकन कराया।

लगातार बारिश और बाढ़ के चलते प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। शारदीय नवरात्रि मेला इस बार शाकंभरी खोल में नहीं लगेगा। जिला प्रशासन ने इसे गांव नागल माफी के पास आयोजित कराने का निर्णय लिया है। यहां दुकानों व पार्किंग की अस्थाई व्यवस्था की जा रही है।

सिद्धपीठ शाकंभरी देवी मंदिर में हर साल तीन बड़े मेले आयोजित किए जाते हैं, जिनमें शारदीय नवरात्रि मेला सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मेले के लिए जिला पंचायत करोड़ों का बजट पार्किंग, बैरिकेडिंग, पुल, समतलीकरण, शौचालय, स्वास्थ्य व पेयजल जैसी व्यवस्थाओं पर खर्च करता है।

मंदिर परिक्षेत्र का प्रबंधन परंपरागत रूप से जसमौर के राणा परिवार देखता है, जबकि मेले की जिम्मेदारी जिला पंचायत की होती है। लेकिन इस बार करीब एक माह से खोल में लगातार उफान आने से सारी तैयारियां बाढ़ की भेंट चढ़ रही हैं।

 

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1 COMMENT

  1. मुलताई में कुछ बैंक, कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बिना पार्किंग के संचालित हो रहे हैं, तथा कुछ लोगों ने पार्किंग के लिए जगह बहुत कम दी है। जो वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे ग्राहको को वाहन खड़े करने में बहुत परेशानी होती है। आखिर बिना पार्किंग के बैंक कैसे संचालित हो रहे हैं। ये तो नियमों का उल्लघंन हो रहा है। सड़क किनारे वाहन खड़े करने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। कई बार दुर्घटना तक हो जाती है। सरकारी जमीन पर वाहन खड़े हो रहे हैं । जबकि जिस भवन मे बैंक संचालित होती है उसकी स्वयं की पार्किंग होना जरूरी है। मुलताई में संचालित सभी बैंकों की पार्किंग व्यवस्था की जांच होना चाहिए।
    कुछ बेसमेंट बिना अनुमति के बने हैं। कुछ व्यावसायिक भवनों के नक्शे बिना पार्किंग दिए पास हुए हैं। कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया है। जांच होना चाहिए।
    रवि खवसे, मुलताई (मध्यप्रदेश)

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