– 638 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र डूबा।
बिजनौर। बाढ़ का प्रभाव देखने को मिल रहा है। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बताया कि तीन तहसीलों में कुल 37 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें चांदपुर की 12, सदर की 10 और धामपुर की 15 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। इन गांवों में 2,836 परिवारों के 12,501 लोग प्रभावित हुए हैं।
प्रशासन ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं। तहसील बिजनौर के ग्राम इटावा में एक बाढ़ राहत कैंप स्थापित किया गया है। इस कैंप में 42 लोगों को शरण दी गई है। इटावा, रावली, ब्रह्मपुरी और खानपुर खादर में राहत शिविरों में किचन चलाई जा रही हैं। यहां बाढ़ पीड़ितों को ताजा भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
प्रभावित लोगों की मदद के लिए चारों तहसीलों में कुल 1,530 खाद्यान्न किट बांटी गई हैं। बिजनौर में 468, नजीबाबाद में 150, चांदपुर में 591 और धामपुर में 321 किट का वितरण किया गया है। राहत कार्यों के तहत पांच तहसीलों में कुल 61 मेडिकल कैंप लगाए गए हैं। धामपुर में 19, चांदपुर में 14, बिजनौर और नजीबाबाद में 10-10 तथा नगीना में 8 कैंप लगाए गए हैं।
वर्तमान में गंगा नदी खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर और खो नदी 65 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। बाढ़ से तीन तहसीलों – सदर बिजनौर, नजीबाबाद और चांदपुर में 638.07 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है। जिला प्रशासन ने बताया कि फसल की क्षतिपूर्ति का भुगतान सर्वे के बाद किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि चिकित्सा विभाग द्वारा अब तक बाढ़ राहत कार्य के अंतर्गत बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में 67 मेडिकल कैंप लगाया जा चुके हैं, डोर टू डोर 357 टीम में कैंपेन कर रही हैं, 8590 ओआरएस और दवाइयों का वितरण, 36 ग्रामों में एंटी लारवा का स्प्रे, 142 बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में डोर टुडे डोर मरीजों का चेकअप कर उनको चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं।
उन्होंने बताया कि तहसील बिजनौर के अंतर्गत मालन नदी के बाएं किनारे पर स्थित बाकरपुर-यूसुफपुर तटबंध तथा धामपुर तहसील के अंतर्गत गांगन नदी के दाएं किनारे स्थित नहटौर तटबंध आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनकी मरम्मत का कार्य जारी है।