मेरठ। बीचों बीच जाम का कारण बना भैंसाली बस अड्डा जल्द शहर से बाहर शिफ़्ट होगा। बस अड्डा और डिपो को शहर से बाहर शिफ्ट करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
बता दें यूपी कैबिनेट की बैठक में मेरठ के भैंसाली बस अड्डे और डिपो की शिफ्टिंग का प्रस्ताव रखा गया जिसे शासन ने मंजूर कर दिया है। इसे अब भूडबराल और मोदीपुरम स्थित आरआरटीएस स्टेशनों के पास स्थानांतरित किया जाएगा।
सरकार के इस फैसले से दिल्ली-मेरठ रोड पर लगने वाले घंटो जाम की समस्या से नागरिकों बड़ी राहत मिलेगी।
बता दें कि मेरठ-दिल्ली रोड पर जिस स्थान पर यह बस अड्डा स्थित है, वह क्षेत्र घनी आबादी वाला होने के साथ ही वाणिज्यिक गतिविधियों का बड़ा केन्द्र हैं। वहीं, दिल्ली के नजदीक होने के नाते इस बस अड्डे के जरिए प्रतिदिन 1400 से अधिक बसों का संचालन होता है। इस वजह से इस इलाके में लोगों को घंटो जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। साथ ही इस इलाके में वायू प्रदूषण भी होता है। बसों के संचालन में दिक्कत आ रही थी।
दरअसल शहर के बीचों बीच बने इस बस अड्डे और डिपो के कारण जनता को काफी परेशानी हो रही थी। बसों के आवागमन में भी दिक्कत होती है। साथ ही आए दिन कई सड़क दुघर्टनाएं भी होती रहती हैं। इसे देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने बस अड्डे और डिपों को भैंसाली से स्थानांतरित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था।
प्रस्ताव में यह भी सुझाव दिया गया था कि मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन’ करके यदि बसों के परिचालन को आरआरटीएस के संचालन से जोड़ दिया जाए तो यात्रियों को सुगम यातायात की सुविधा मुहैया कराई जा सकती है। इस लिहाज से कराए गए सर्वे में शहर के बाहरी इलाके में स्थित भूडबराल और मोदीपुरम स्थित आरआरटीएस स्टेशन के पास के क्षेत्र को उपयुक्त पाया गया था। भैंसाली बस अड्डे को अब भूड़बराल में शिफ्ट किया जाएगा।
भूड़बराल में जहां आरआरटीएस का स्टेशन है उसके पास ही बस अड्डा शिफ्ट होगा। ताकि जनता को डबल कनेक्टिविटी का लाभ मिल सके। प्रस्ताव के मुताबिक भैंसाली बस अड्डा व डिपो की लगभग 9.57 एकड़ जमीन के बदले भूडबराल स्थित मेरठ साउथ आरआरटीएस स्टेशन के निकट एक बस अड्डा व एक डिपो और मोदीपुरम स्टेशन के निकट 2.6 एकड़ जमीन पर एक बस अड्डे का निर्माण किया जाएगा। पल्हेडा स्थित यूपीएसआरटीसी की क्षेत्रीय कार्याशाला के निकट तीन एकड़ जमीन पर डिपो के समान सुविधाएं विकसित करेगा।
मेरठ बाईपास स्थित सरधना रोड स्थित चौराहे और बागपत रोड व बड़ौत रोहटा रोड स्थित चौराहों के निकट बस शेल्टर की सुविधा विकसित की जाएगी।
आपको बता दें यूपी के मेरठ जिले में रोजाना लगभग 1200 बसों का आना जाना होता है. यहां पर करीब 154 सिटी बस चलती हैं, तो वहीं 710 रोडवेज बसों का एक राज्य से दूसरे राज्य तक आना जाना होता है. मेरठ में बडौत डिपो, मेरठ डेपो, गढ़ डेपो, सोहराब गेट डिपो है. यहां पर देश की राजधानी से लेकर राज्य की राजधानी तक बसों का संचालन होता है. यही बस मेरठ में भीषण जाम का कारण भी बनती है।
वही बस अड्डा और डिपो शहर से बाहर जाने पर शहर में जाम की परेशानी भी खत्म होगी। मौजूदा समय में शहर के भीतर 1150 बसें, 80 सिटी बसें, 25 इलेक्ट्रिक बसें और 21 हजार से अधिक ई-रिक्शा चलते हैं। इन बस अड्डों के बाहर भी यात्रियों को बैठाया-उतारा जाता है। भैंसाली बस अड्डे से दिल्ली, नोएडा, मोदीनगर, गाजियाबाद के साथ-साथ मुजफ्फरनगर, शामली, हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून सहित मसूरी की बसें मिलती हैं। सोहराब गेट बस अड्डे पर मुरादनगर, बरेली, रामपुर, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, इटावा, कानपुर, हरदोई, संभल सहित अन्य कई जगहों की बसे संचालित होती हैं। इसी वजह से यहां पर सुबह से लेकर शाम तक जाम लगा रहता है।