– बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं के फर्जी आधार कार्ड बनाते थे।
सहारनपुर। एटीएस ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे रोहिंग्या, बांग्लादेशी और नेपाल के नागरिकों के आधार कार्ड बनवाने वाले गिरोह पर बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार दोपहर सहारनपुर से गिरोह के दो और सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आरोपियों के नाम अक्षय सैनी और तालिब अंसारी हैं। दोनों बीते दो साल से इस गिरोह से जुड़े हुए थे और जनसेवा केंद्रों के माध्यम से फजीर्वाड़ा कर रहे थे।
एटीएस ने दोनों आरोपियों के पास से लैपटॉप और मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिन्हें फोरेंसिक विशेषज्ञों के पास भेजा गया है। एजेंसी ने कोर्ट में इन दोनों को रिमांड पर लेने की अर्जी भी डाली है।
शिकायत मिलने के बाद एटीएस ने जांच शुरू की थी। आरोपियों पर आरोप है कि वे जनसेवा केंद्रों के जरिए बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं के फर्जी आधार कार्ड बनवाते थे। इसके लिए जन्म प्रमाण पत्र, शपथ पत्र और निवास प्रमाण पत्र भी फर्जी तैयार किए जाते थे। बाद में कुछ लोगों के फिंगरप्रिंट और डेटा लेकर उनमें संशोधन कर आधार कार्ड तैयार कराए जाते थे।
एटीएस ने गुरुवार को गिरोह के सरगना समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान मिले इनपुट के आधार पर ही शुक्रवार को सहारनपुर के मझेड़ी गांव निवासी अक्षय सैनी और हलालपुर गांव निवासी तालिब अंसारी को उनके घरों से गिरफ्तार किया गया। शुरूआती पूछताछ में आरोपियों ने जुर्म से इनकार किया, लेकिन कॉल डिटेल और सर्विलांस की रिकॉर्डिंग सामने रखी गई तो उन्होंने अपराध कबूल कर लिया।
एटीएस के मुताबिक गिरोह ऐसे लोगों को तलाशता था, जिनके पास कोई वैध पहचान पत्र न हो। उनके लिए फर्जी आधार कार्ड और दस्तावेज तैयार करने के नाम पर ये लोग दो हजार से 40 हजार रुपए तक वसूलते थे। यही नहीं, फर्जी आधार कार्ड पर सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिलवाया जाता था और उसमें मिलने वाली आर्थिक मदद में से भी कमीशन लिया जाता था।
फर्जी आधार कार्ड गिरोह का खुलासा होने के बाद वेस्ट यूपी के कई जनसेवा केंद्र एटीएस के रडार पर आ गए हैं। एटीएस सूत्रों के मुताबिक सहारनपुर समेत कई जिलों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। लखनऊ में अब तक आठ जनसेवा केंद्र से जुड़े लोगों को पकड़ा गया है।
बेहट से पहले ही तीन गिरफ्तार
गुरुवार को सहारनपुर के बेहट में भी फर्जी जनसेवा केंद्र का खुलासा हुआ था। पुलिस ने मोहल्ला गाड़ान में छापा मारकर तीन आरोपियों आसिफ (निवासी बेहट), सागर (निवासी खुर्रमपुर) और राजेश उर्फ राजू (निवासी रोगला हथौली) को गिरफ्तार किया था। मौके से 12 आधार कार्ड, तीन कागज की शीट, तीन रसीदें, एक रबर स्टांप, लैपटॉप, स्कैनर और अन्य उपकरण बरामद किए गए थे। जांच में पता चला था कि आरोपी आधार कार्ड की आधिकारिक वेबसाइट खोलकर नाम, पता और मोबाइल नंबर में हेराफेरी कर रहे थे। पुलिस को यह भी पता चला था कि शामली निवासी एक युवक ने अपने परिचित मूसा की आईडी आरोपियों को उपलब्ध कराई थी, जिसके जरिए वे यह फजीर्वाड़ा कर रहे थे।
लगातार जारी रहेगी छापेमारी
एटीएस सूत्रों का कहना है कि जिले में कई और जनसेवा केंद्र संचालक बाहरी लोगों के लिए फर्जी आधार कार्ड बनवा रहे हैं। इस वजह से आने वाले दिनों में एटीएस की छापेमारी और गिरफ्तारियां जारी रह सकती हैं।