परीक्षितगढ़ क्षेत्र के गांव अगवानपुर के रहने वाले हैं आप विधायक अमानतुल्लाखां।
अनुज मित्तल, समाचार संपादक
मेरठ। जिस आप विधायक अमानतुल्ला खां को लेकर सोमवार को तमाम टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर खबरें चल रही हैं। उस अमानतुल्ला खां का सफर भी बेहद रोचक है। बहुत ही साधारण किसान परिवार से गांव की गलियों से गुजरते हुए दिल्ली तक का सफर और उसके बाद दिल्ली की राजनीति में धमाकेदार प्रवेश सबकुछ गांव वालों और उनके परिवार वालों के लिए सपने सरीखे जैसा है। आज जब सबने टीवी चैनलों पर अमानतुल्ला खां की गिरफ्तारी की खबर सुनी तो हर कोई चर्चा करने लगा।
अमानतुल्लाखां मेरठ के परीक्षितगढ क्षेत्र स्थित गांव अगवानपुर के मूल निवासी हैं। अमानतुल्लाखां के पिता वलीउल्लाखां गांव में अपने चार भाईयों अहमुल्ला, शबकतुल्ला और आरिफउलला के साथ रहते थे। गांव में इनके बाग और खेती की जमीन है। गांव में ही वलीउल्ला खां के चार बेटों का जन्म हुआ, जिनमें एक अमानतुल्लाखां भी है। अमानतुल्ला खां के पिता कम जमीन और परिवार बड़ा होने के कारण दिल्ली के बटला हाउस में जाकर कढ़ाई का काम करने लगे। इस दौरान अमानतुल्ला और उनके भाइयों की पढ़ाई गांव के ही प्राथमिक स्कूल में हुई। लेकिन करीब दो दशक पहले जब उनके पिता वलीउल्ला खां का काम बढ़ा, तो वह परिवार को अपने साथ बटला हाऊस ले गए।
गांव वालों के अनुसार वहां पर वलीउल्ला ने अपना कारखाना खोल लिया। बड़ा बेटा सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर नौकरी पर चला गया और बाकी बेटे पिता के कारखाने को संभालने लगे। गांव में उनके चाचा और पैतृक जमीन आज भी है। किसी को नहीं पता था कि एक दिन अमानतुल्ला राजनीति में खासा नाम करेगा। लेकिन आम आदमी पार्टी से 2015 में पहली बार चुनाव लड़कर अमानतुल्ला खां ओखला सीट से विधायक चुने गए और फिर दूसरी बार भी वह विधायक चुने गए।
गांव वाले बताते हैं कि अब वह काफी दिनों से गांव नहीं आए हैं, लेकिन उनके ठाटबाट देखकर हर कोई हैरत में रहता था। क्योंकि अमानतुल्ला खां की पैतृक संपत्ति भी इतनी नहीं है और पिता का कारोबार भी इतना बड़ा नहीं था कि वह इतनी संपत्ति जमा कर लेते। गांव के कुछ लोगों ने बताया कि गांव के वर्तमान प्रधान नुरूल्ला खां उनके परिवार से हैं। उनके पास भी कोई खास संपत्ति नहीं थी, लेकिन अमानतुल्ला से करीबी संंबंध होने के चलते आज नुरूल्ला भी काफी बड़ी संपत्ति के मालिक हैं।
ये लगा है अमानतुल्ला पर आरोप : ओखला सीट से विधायक अमानतुल्ला खान पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए 32 लोगों को नियमों का उल्लंघन करते हुए भर्ती किया था। आरोप था कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में आप विधायक ने भ्रष्टाचार और पक्षपात किया था। इसके अलावा, अवैध रूप से दिल्ली वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों को किराये पर दिया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने बोर्ड के धन का भी दुरुपयोग किया है, इसमें दिल्ली सरकार से मदद अनुदान शामिल है।
हो सकता है ऐसा किया हो
ग्रामीणों की मानें तो वह इन आरोपों से इंकार नहीं कर सकते हैं। क्योंकि जितनी तेजी से अमानतुल्ला और उसके परिवार वालों की संपत्ति बढ़ी है, वह चौंकाने वाली है। गांव में भी वर्तमान प्रधान ने बहुत बड़ा मुर्गी फार्म खोला है और दिल्ली आदि जगहों पर कई फ्लैट लिए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि यह बैनामी संपत्ति को छिपाने के लिए किया गया है।
जानबूझकर हो रही है कार्रवाई
वहीं अमानतुल्ला के परिवारवाले और पड़ौसी इसे पक्षपातपूर्ण कार्रवाई बता रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा सरकार लगातार विपक्षियों पर ईडी के जरिए न केवल दबाव बना रही है, बल्कि उनका उत्पीड़न भी कर रही है। ऐसे में यह कार्रवाई भी अमानतुल्ला को फंसाने के लिए की गई है।
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