– रिश्वत लेने और चरित्र संबंधी बहुत शिकायतें पहुंची हैं शासन के पास – शासन के निर्देश पर डीएम ने लिया प्रभार वापस, एसीएम सिविल लाइन को सौंपा
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। उपसंचालक चकबंदी का अतिरिक्त प्रभार देख रहे एसीएम सदर संजय कुमार से चकबंदी का प्रभार वापस ले लिया गया है। डीएम ने यह फैसला शासन से आए सख्त आदेश के बाद लिया है। संजय कुमार की जगह अब एसीएम सिविल लाइन महेश दीक्षित को उपसंचालक चकबंदी का प्रभार दिया गया है।
एसीएम संजय कुमार को मेरठ में करीब ढाई साल हो गए हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार संजय कुमार का विवादों से हमेशा नाता रहा है। उनकी पैठ शासन में भी मजबूत है, जिस कारण उन्हें चकबंद के उपसंचालक पद का अतिरिक्त प्रभार भी दिया हुआ था। लेकिन इस दौरान उनकी तमाम शिकायतें चकबंदी कार्यालय की बाबत शासन तक पहुंची। यही नहीं कुछ समय पहले रिश्वत लेते हुए उनका वीडिया भी वायरल हुआ था।
वीडियो वायरल होने के बाद डीएम दीपक मीणा ने उन्हें चकबंदी के अतिरिक्त कार्य से हटा दिया था, लेकिन शासन में अपनी पैठ के चलते संजय कुमार फिर से उपसंचालक चकबंदी बन गए। इस बीच एक महिला से संबंध के चलते भी वह चर्चा में आए। महिला के पति ने संजय कुमार को लेकर बहुत सारी शिकायतें डीएम, कमिश्नर और शासन को की थी।
शासन स्तर पर लगातार पहुंच रही शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ गोपनीय जांच कराई गई, जिसमें प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने के बाद शासन से डीएम को निर्देश प्राप्त हुए कि तत्काल संजय कुमार को उपसंचालक चकबंदी पद से हटा दिया जाए।
वहीं इस पूरे मामले पर शासन की तरफ उच्च स्तरीय जांच कमेटी भी गठित की गइर् है। अपर निदेशक चकबंदी की अध्यक्षता में यह जांच कमेटी गठित हुई है। डीएम ने शासन के निर्देश पर बुधवार को संजय कुमार से उपसंचालक चकबंदी का प्रभार वापस लेते हुए एसीएम सिविल लाइन महेश कुमार दीक्षित को सौंप दिया है।