– मेडिकल कॉलेज में तीन साल से कर रहा दिलों का इलाज।
ललितपुर। एक आईआरएस अधिकारी मेडिकल कॉलेज का फर्जी कॉर्डियोलॉजिस्ट निकला। अमेरिका में बैठे अपने जीजा की डिग्री और आधार कार्ड पर करके नौकरी कर रहा था। वह ओपीडी के साथ कार्डियोलॉजी विभाग में 3 साल से मरीजों का इलाज कर रहा था। डॉक्टर को प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपए वेतन भी दिया जा रहा था।

यह खुलासा तब हुआ जब फर्जी कॉर्डियोलॉजिस्ट की बहन ने अधिकारियों से इसकी शिकायत की। बहन ने अपने भाई पर आरोप लगाते हुए शिकायत दी कि भाई के पास जो एमबीबीएस और एमडी की जो डिग्रियां हैं, वह उनके पति की हैं। बताया कि उसके पति अमेरिका में एक बड़े अस्पताल में काम करते हैं। बहन ने अधिकारियों को अपने भाई के खिलाफ कुछ कागज और सबूत भी दिए हैं। फर्जी डॉक्टर को इसकी भनक पहले ही लग गई थी, उसने शिकायत से एक दिन पहले ही वॉट्सएप पर अपना इस्तीफा भेज दिया। उसने बताया कि उसकी मां की मौत हो गई है।
वहीं सीएमओ डॉ. इम्तियाज खान ने बताया कि डॉक्टर का इस्तीफा हो चुका है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। डीएम सत्य प्रकाश ने भी बताया कि फर्जी डिग्री पर नौकरी की शिकायत मिली है, मामले की जांच कराई जा रही है। आरोपी डॉक्टर फरार है उसकी तलाश भी जारी है।
ललितपुर के डैमरोड तालाबपुरा का रहने वाला अभिनव सिंह पिछले तीन सालों से मेडिकल कॉलेज में जिला सीसीयू एंड कैंसर केयर यूनिट में कॉर्डियोलजिस्ट एण्ड जनरल मेडिसिन के पद पर तैनात था। अभिनव सिंह की तीन बहनें हैं। दो बहनें अमेरिका में डॉक्टर हैं। जबकि एक बहन मुजफ्फरनगर में रहती है।
अभिनव की बहन सोनाली सिंह और इनके पति राजीव गुप्ता दोनों अमेरिका के टेक्सास स्थित बेलटोन में इंटरवेशनल कॉर्डियोलाजिस्ट हैं। सोनाली सिंह ने बताया- भारत में किसी डॉक्टर ने मेरे पति राजीव का नाम गूगल पर सर्च किया तो उन्हें पता चला कि राजीव की तैनाती भारत में ललितपुर के मेडिकल कॉलेज में है।
उन्होंने फोन करके हमें इसकी जानकारी दी। उस समय मैं अमेरिका में थी। मैंने भारत में कई लोगों से बातचीत की, कुछ जानकारियां जुटाई। तब मुझे पता चला कि मेरा भाई अभिनव ही मेरे पति की डिग्री पर नौकरी कर रहा है। मैं 6 दिसंबर को भारत आई। मेरे भाई अभिनव को जब मेरे आने का पता चला तो वह हॉस्पिटल से छुट्टी लेकर गायब हो गया।
सोनाली सिंह ने बताया कि जब वह तालाबपुरा वाले मकान पर गई तो वहां के सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें अंदर घुसने से मना कर दिया। लेकिन फिर जब मैंने बताया कि मैं अभिनव की बहन हूं तो मान गया। इसके बाद मैं मेडिकल कॉलेज गई। वहां मैंने प्रिंसिपल मयंक शुक्ला से इस मामले की शिकायत की।
सोनाली सिंह के मुताबिक, अभिनव उनके पति राजीव गुप्ता के एमबीबीएस, एमडी की डिग्री और आधार कार्ड पर अभिनव अपनी फोटो लगाकर मेडिकल कॉलेज में फर्जी तरीके से नौकरी कर रहा है। सोनाली ने इसकी शिकायत उटड और ऊट से भी की। जानकारी होते ही डीएम ने मामले में जांच के आदेश दिए। इसके बाद 11 दिसंबर गुरुवार को रात करीब 11:30 बजे कोतवाली सदर में एसडीएम डॉ. रामनरेश सोनी की तहरीर पर अभिनव सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। पुलिस अब उसकी तलाश में जुट गई है।
जब अभिनव को पकड़ने के लिए पुलिस ने उसकी तलाशी शुरू की तो पता चला, वह कि शिकायत से एक दिन पहले ही वह अस्पताल के वॉट्सएप पर अपनी मां की मौत का हवाला देते हुए इस्तीफा देकर फरार हो चुका है। इसके बाद ऊट सत्यप्रकाश के निर्देश पर अऊट अंकुर श्रीवास्तव ने उटड कार्यालय में पहुंचकर आरोपी से जुड़ी फाइलों और नियुक्ति प्रक्रिया की जांच की।
रुड़की आईआईटी से बीटेक, आईआरएस में अफसर था
सोनाली सिंह ने जांच कमेटी को बताया कि उनका भाई अभिनव सिंह आईटीआई रुढ़की से बीटेक पास है। इसके बाद 1992 में उसका भाई आईआरएस में चयनित हुआ था। उसको मद्रास में कस्टम आफिसर के पद पर तैनाती मिली थी। कुछ सालों बाद उसको मुंबई में कस्टम आफिसर बनाया गया। जहां उसने घोटाला किया था। उसको सीबीआई ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल के छूटने के बाद उसने अपने बहनोई की डिग्रियां निकलवाईं और उनके नाम से अपना आधार आदि पहचान पत्र बनवा लिया।

