शरद पूर्णिमा पर ग्रहण का साया

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  •  ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए क्या उपाय करें।
  •  क्या ना करें।
  • ग्रहण का विभिन्न राशियों पर निम्नलिखित शुभ अशुभ प्रभाव रहेगा।

राहुल अग्रवाल -ज्योतिष एवम वास्तुविद
-राहुल अग्रवाल (ज्योतिष एवम वास्तुविद)

28 अक्टूबर दिन शनिवार शरद पूर्णिमा को खंडग्रास चंद्र ग्रहण लगेगा जो लगभग पूरे भारत में दिखाई देगा। यह ग्रहण भारत के अलावा श्रीलंका नेपाल पाकिस्तान बांग्लादेश भूटान चीन रूस ईरान इराक दक्षिण अफ्रीका थाईलैंड मलेशिया जापान कोरिया आदि स्थान से भी दिखाई देगा। यह ग्रहण शनिवार की रात्रि 1:05 से प्रारंभ होकर ग्रहण का मध्यकाल 1:44 पर तथा ग्रहण की समाप्ति 2:24 पर होगी।

खंडग्रास चंद्र ग्रहण के सूतक की शुरुआत 28 अक्टूबर दिन शनिवार को शाम 4:05 से हो जाएगी सूतक का समापन ग्रहण समाप्ति के साथ ही हो जाएगा ग्रहण काल में भोजन बनाना व ग्रहण करना मान्यता के अनुसार निषेध माना गया है लेकिन वृद्ध बालक वह गर्भवती स्त्रियों को प्रतिबंधित नहीं किया गया है।

मान्यता के अनुसार ग्रहण काल में जो महिलाएं गर्भवती हैं उन्हें चाकू आदि से फल सब्जी वह कैंची से वस्त्र आदि नहीं काटने चाहिए ग्रहण कल का समय अधिक से अधिक तथा संभव ईश्वर की आराधना में व्यतीत करें।

यह खंड ग्रास चंद्र ग्रहण मेष राशि व अश्विनी नक्षत्र में पढ़ रहा है विशेष कर मेष राशि वालों को ग्रहण देखने से बचना चाहिए।

ग्रहण का विभिन्न राशियों पर निम्नलिखित शुभ अशुभ प्रभाव रहेगा

मेष राशि के लिए ग्रहण अशुभ फल प्रदान करने वाला है।

वृषभ राशि के लिए मध्यम फल।

मिथुन राशि के लिए ग्रहण अच्छा फल देगा।

कर्क राशि के लिए अशुभ फल दायक।

सिंह राशि के लिए उत्तम फल प्रदान करने वाला।

कन्या राशि के लिए मिले-जुले फल प्रदान करेगा।

तुला राशि के लिए उत्तम फल।

वृश्चिक राशि के लिए ग्रहण का फल माध्यम में।

धनु राशि के लिए ग्रहण कार्य सिद्धि वाला रहेगा।

मकर राशि वालों के लिए भी कार्य व्यापार में वृद्धि होगी।

कुंभ वालों को ग्रहण मिले-जुले परिणाम देगा।

मीन राशि वालों को ग्रहण कुछ अशुभ प्रदान कर सकता है।

इस बार का यह चंद्र ग्रहण और अधिक महत्वपूर्ण भी है क्योंकि इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होते हैं तथा चंद्रमा की पूजा करने से विशेष शुभ फल मिलते हैं जहां ग्रहण का कुछ राशियों का अशोक प्रभाव भी है वही सभी राशियों के लिए ग्रहों की स्थिति कुछ सुखद सहयोग भी बना रही है

जैसे इस दिन गज गजकेसरी योग बुध आदित्य योग शव योग सौभाग्य योग सिद्ध योग आधी का सुखद सहयोगी बन रहा है इन सुखद संयोगों के कारण इस दिन थोड़े से ही मंत्र जाप दान आदि से ग्रहण के अशुभ प्रभाव को काफी हद तक काम किया जा सकता है।

– ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए क्या उपाय करें

गुरु मंत्र का यथाशक्ति जाप करें।

राहु व केतु ग्रह का मंत्र भी यथाशक्ति जाप करें।

जरूरतमंद व्यक्तियों को चावल चीनी दूध चांदी आदि का दान करें।

ग्रहण के समय किसी भी रूप में अपने-अपने धर्म के अनुसार ईश्वर की आराधना करें।

ग्रहण समाप्ति के पश्चात अगर संभव हो तो स्नान करें।

– क्या ना करें

सूतक काल में ग्रहण काल में यदि संभव हो तो भोजन न करें।

तामसिक पदार्थ का सेवन बिलकुल न करें।

सूतक काल में ग्रहण काल में मनोरंजन के साधन इस्तेमाल नहीं करने चाहिए।

किसी को भी अपशब्द ना कहें।

जैसे इस दिन गज गजकेसरी योग बुध आदित्य योग शश योग सौभाग्य योग सिद्ध योग आधी का सुखद सहयोगी बन रहा है इन सुखद संयोगों के कारण इस दिन थोड़े से ही मंत्र जाप दान आदि से ग्रहण के अशुभ प्रभाव को काफी हद तक काम किया जा सकता है।

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