• महिला कुश्ती खिलाड़ी का हुआ इलाज।
  • दूरबीन विधि से की गई सर्जरी।

शारदा न्यूज़, मेरठ |

मेरठ मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग में पहली बार दूरबीन विधि से कंधे के फटे (टियर) लिगामेंट की सर्जरी हुई। इस विधि से इलाज के लिए पहले मरीजों को दिल्ली या मुंबई जाना पड़ता था। लेकिन अब यह सुविधा मेरठ में शुरू हो गई है।

 

मेडिकल में कंधें के फटे लिगामेंट का इलाज शुरू / L.L.R.M. Medical College Meerut | Video || sharda news

 

 

मेडिकल के मीडिया प्रभारी डा. वीडी पाण्डेय ने बताया कि खेल के दौरान बार-बार कन्धा उतरने के कारण मोदीपुरम निवासी 18 वर्षिय महिला कुश्ती खिलाडी के दाएं कंधे का लिगामेंट फट गया था। दो साल से परेशान मरीज़ ने मेडिकल कॉलेज के हड्डी एवं स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ डा. कृतेश मिश्रा से सलाह ली जिसके बाद गुरुवार सुबह मेडिकल कॉलेज में पहली बार डा. मिश्रा और उनकी टीम ने दूरबीन विधि से मरीज़ के दाएं कंधे की सर्जरी की। डा. कृतेश मिश्रा ने बताया खिलाडियों में विशेषकर गेंदबाज़ों, कुश्तीबाज़ों एवं टेनिस खेलनें वाले खिलाड़ियों में कंधे की स्पोर्ट्स इंजरी बहुत आम है। बार-बार कंधे का उतर जाना जोड़ की अस्थिरता को दर्शाता है। जिसमे आमतौर पर कंधे की झिल्ली या लिगामेंट के फटने की सम्भावना होती है। इसे मेडीकल भाषा में “बैंकर्ट टियर” कहते हैं। इसकी पुष्टि करने के लिए सर्जरी से पहले कंधे की एम. आर. आई. की जाती है।

 

 

आर्थ्रोस्कोपिक (दूरबीन द्वारा) “बैंकर्ट रिपेयर” सर्जरी में एंकर नामक टांके के माध्यम से फटे लिगामेंट की मरम्मत की जाती है। डा. मिश्रा ने बताया उनको अपने इंग्लैंड के फेलोशिप के दौरान छोटे चीरे व दूरबीन विधि द्वारा खिलाडियों को होने वाली स्पोर्ट्स इंजरी की जटिल सर्जरी का प्रशिक्षण प्राप्त करने का मौका मिला। अब यहां के खिलाडियों को इलाज के लिए दिल्ली जाने की जरूरत नहीं होगी। बेहद किफायती दरों में मेडिकल कॉलेज मेरठ में स्पोर्ट्स इंजरी का इलाज संभव है।

प्रधानाचार्य डा. आरसी गुप्ता व हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डा. ज्ञानेश्वर टोंक ने डा. मिश्रा और उनकी टीम को बधाई दी। ऑपरेशन टीम में डा. शिवम, डा. नितिन व एनेस्थेसिया विभाग से डा. योगेश माणिक एवं डा. प्रमोद चंद शामिल रहे।

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