- सभी कार्य नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 117 6बी से संबंधित।
शारदा न्यूज़, संवाददाता |
सहारनपुर। महापौर ने पार्षदों और अधिकारियों की समिति गठित की है, जो नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 117 6बी के तहत हुए 171 निर्माण कार्यों की सत्यता की जांच करेगी। जांच रिपोर्ट एक महीने में सौंपी जानी है। निर्माण कार्यों की जांच किन बिंदुओं पर होनी है यह तय कर लिया गया है। इसे लेकर संबंधित में खलबली है।
नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 117 6बी के तहत वह कार्य आते हैं, जो आपातकाल में कराए जाते हैं। यानी उनको तुरंत कराना होता है, जिसके लिए टेंडर होने का इंतजार नहीं किया जा सकता है। 2023 से पहले ऐसे अनेक कार्य हुए हैं, लेकिन बीते दिनों कूड़ाघर के फर्जी बिल बनाकर नगर निगम से भुगतान कराने के मामले के बाद ऐसे सभी कार्य निशाने पर हैं। नगर निगम ने संबंधित कार्यों का भुगतान रोका हुआ है। उससे पहले निगम सभी कार्यों की सत्यता जानना चाहता है, जिससे किसी कार्य का गलत भुगतान न हो जाए।
महापौर डॉ. अजय कुमार ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसमें पार्षद नीरज शर्मा को अध्यक्ष बनाया गया है। सदस्य के तौर पर पार्षद अभिषेक उर्फ टिंकू अरोड़ा, पार्षद राजेंद्र सिंह कोहली और अधिशासी अभियंता अमरेंद्र गौतम को शामिल किया गया है। समिति इमरजेंसी के नाम पर हुए 171 कार्यों की जांच करेगी। जांच में यह देखा जाएगा कि कोई कार्य मौके पर हुआ है या नहीं, साथ ही उसकी गुणवत्ता क्या है। यानी यदि कोई निर्माण एक या दो साल पहले हुआ है और वह जर्जर अवस्था में पहुंच गया है तो वह खराब माना जाएगा। स्थानीय लोगों से भी निर्माण के संबंध में बात कर उनके बयान लिए जाएंगे। जिनसे पूछा जाएगा कि निर्माण कब हुआ है। समिति अध्यक्ष नीरज शर्मा ने बताया कि मेला गुघाल की वजह से जांच रुकी हुई है। मेले के तुरंत बाद निर्माण कार्यों के सत्यापन के लिए समिति मौके पर जाएगी।
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ठेकेदारों को भी होगा फायदा
निर्माण कार्यों की जांच से उन ठेकेदारों को फायदा होगा, जिन्होंने सही कार्य किए हैं। क्योंकि यदि कोई निर्माण नहीं हुआ है या गुणवत्ता हीन हुआ है तो उसका तो पर्दाफाश होगा ही, साथ ही यदि किसी ठेकेदार ने अच्छा कार्य किया है तो उसका भुगतान भी जल्द हो सकेगा।