– पांची स्थित एक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में बोले हस्तिनापुर से विधायक और राज्यमंत्री दिनेश खटीक
शारदा रिपोर्टर मेरठ। कभी इस्तीफा देकर तो कभी कई अन्य मामलों में चर्चाओं में रहने वाले हस्तिनापुर विधायक और प्रदेश सरकार में सिंचाई राज्यमंत्री दिनेश खटीक एक बार फिर अपने विवादित बयान से चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने खरखौदा क्षेत्र के पांची में स्थित एक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में अपनी हस्तिनापुर विधानसभा को श्रापित बताते हुए कहा कि उन्हें तीसरी बार एमएलए नहीं बनना है।
दिनेश खटीक हस्तिनापुर विधानसभा से पहली बार 2017 में विधायक चुने गए थे। इसके बाद जब बीच में मंत्रीमंडल विस्तार हुआ तो उन्हें प्रदेश सरकार के मंत्रीमंडल में सिंचाई विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद वह लगातार दूसरी बार 2022 में हस्तिनापुर विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए और प्रदेश मंत्री मंडल में उन्हें इस बार भी सिंचाई विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया।
दिनेश खटीक की अपने विभाग के केबिनेट मंत्री से खटपट और विभागीय अधिकारियों द्वारा सुनवाई न किए जाने का मामला चर्चित हुआ था। जिसके चलते उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को अपना त्यागपत्र भी भेजा था, जो मीडिया में वायरल भी हुआ था। यहीं से उनकी और केबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह के बीच की दूरियां जगजाहिर हुई थी।

इसके साथ ही अधिवक्ता सुसाइड कांड रहा हो या फिर खादर क्षेत्र में रेत खनन या जमीन कब्जाने जैसे मामले। इन सभी में विपक्षी लगातार उन्हें घेरते रहे हैं, जिसे लेकर वह चर्चा में रहते हैं। इसके साथ ही वैश्य समाज को लेकर की गई टिप्पणी में भी वह चर्चा में आए थे। जिसका विरोध हुआ था।
लेकिन ताजा मामला बुधवार का है। खरखौदा क्षेत्र के पांची गांव स्थित एक स्कूल में कार्यक्रम था। जिसमें कल्किधाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम भी मौजूद थे।
उनके सामने मंच पर बोलते हुए राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने कहा कि वह हस्तिनापुर से दो बार लगातार विधायक निर्वाचित हुए हैं और प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं। लेकिन पता नहीं मेने मन से अब एक बात निकलती है, जो अब तक मैने मेरठ में नहीं कही, कि मैं दो बार एमएलए बन गया, लेकिन मुझे श्रापित भूमि से अब तीसरी बार एमएलए नहीं बनना। यह कुदरती बात है, जो आज बता रहा हूँ। उनका यह बयान इस वक्त सोशलमीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
हस्तिनापुर विधानसभा को लेकर है मिथक हस्तिनापुर विधानसभा को लेकर एक मिथक है कि जिस भी पार्टी का प्रत्याशी यहां से निर्वाचित होकर विधायक बनता है, उसी पार्टी की प्रदेश में सरकार बनती है। इसका उदाहरण ये है कि वर्ष 2002में सपा के प्रभुदयाल वाल्मीकि विधायक निर्वाचित हुए और प्रदेश में सपा की सरकार बनी। वर्ष 2007 में बसपा से योगेश वर्मा विधायक चुने गए और प्रदेश में बसपा की सरकार आई। जबकि 2012 में एक बार फिर प्रभुदयाल वाल्मीकि विधायक चुने गए और सपा की सरकार बनी। ऐसा ही अब 2017 से लेकर 2022 तक भी सामने आया है।


