बढ़ती ठंड और बदलते मौसम के बीच प्रदूषण कर रहा लोगों को बीमार
शारदा रिपोर्टर मेरठ। एक्यूआई फिर लाल श्रेणी में पहुंच गया है और प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। मंगलवार को शहर का अदक 329 दर्ज किया गया, जबकि जयभीम नगर में यह 366 तक पहुंच गया। प्रदूषण और ठंड की बढ़ोतरी से सांस व वायरल बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
मेरठ का एयर क्वालिटी इंडेक्स फिर से लाल श्रेणी में पहुंच गया है। हवा दूषित होने से शहरवासियों को फिर से परेशानी उठानी पड़ रही है और सुबह शाम की सैर पर फिर से ब्रेक लग गया है। एक्यूआई बढ़कर 300 पार हो गया है। तापमान में भी उतार चढ़ाव बना है।
दिसंबर के दूसरे दिन तापमान में उतार चढ़ाव देखा गया तो एक्यूआई का स्तर बढ़कर फिर से लाल श्रेणी में पहुंचकर 329 के स्तर पर पहुंच गया। हवा रुकी हुई है और एक्यूआई का स्तर बढ़ रहा है। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से शहरवासी परेशान है। बच्चों को मुंह पर मास्क लगाकर जाने की सलाह दी जा रही है। सुबह शाम की सैर पर फिर से विराम लग गया है।
खरदौनी गांव में पूर्व में नौ कोल्हुओं पर सील लगाई गई थी लेकिन सभी ने सील तोड़कर कोल्हूओं का संचालन शुरू कर दिया है। काला धुआं उगल रहे कोल्हू प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। शहर का एक्यूआई 329 दर्ज किया गया। गंगानगर में 299, जयभीम नगर 366, पल्लवपुरम 322, बेगमपुल 320, दिल्ली रोड 315 एक्यूआई दर्ज किया गया।
मौसम में भी उतार चढ़ाव का दौर बना है। हवा रुकी तो तापमान भी बढ़ा। चौधरी चरण सिंह विवि की मौसम वैधशाला पर दिन का अधिकतम तापमान 26.2 डिग्री व न्यूनतम तापमान 07.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही का कहना है कि तापमान में गिरावट आएगी। दिन का तापमान दो डिग्री तक गिरने की संभावना है।
बढ़ती ठंड और बदलता मौसम कर रहा बीमार
मेरठ में बढ़ती ठंड और मौसम में बदलाव कम रोग प्रतिरोधकता वाले लोगों को बीमार कर रहा है। पीएल शर्मा जिला अस्पताल और एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में मरीज खांसी, जुकाम, गले में खराश, वायरल बुखार और सांस लेने में दिक्कत जैसी शिकायतों के साथ पहुंच रहे हैं। मंगलवार को ओपीडी में 4379 मरीज पहुंचे।
मौसम में बदलाव के अलावा प्रदूषण का स्तर भी बढ़ा हुआ है। इससे सांस संबंधी बीमारी और संक्रमण बढ़ रहा है। सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. वीएन त्यागी ने बताया कि प्रदूषण और ठंड की वजह से सांस लेने में परेशानी बढ़ी है जिससे अस्थमा और अन्य फेफड़ों की बीमारियों वाले मरीजों की संख्या में बढ़ी है। नाक कान एवं गला रोग विशेषज्ञ डॉ. बीपी कौशिक ने बताया कि बीमारियों के प्रति जागरूक रहना और बचाव के उपाय अपनाना सभी के लिए जरूरी है।