मेरठ। मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा वी डी पाण्डेय ने बताया कि ट्रांसक्रानियल डॉपलर ( टीसीडी ) और ट्रांसक्रानियल कलर डॉपलर ( टीसीसीडी ) डॉपलर अल्ट्रासोनोग्राफी के प्रकार हैं जो ट्रांसक्रैनियल रूप से ( कपाल के माध्यम से ) चलती अल्ट्रासाउंड तरंगों की गूँज को मापकर मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं के माध्यम से रक्त प्रवाह के वेग को मापते हैं। मेडिकल इमेजिंग के ये तरीके उन्हें प्राप्त होने वाले ध्वनिक संकेतों का वर्णक्रमीय विश्लेषण करते हैं और इसलिए इन्हें सक्रिय एकॉस्टोसेरेब्रोग्राफी के तरीकों के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। ट्रांसक्रेनियल डापलर जांच दिमाग के रोग का निदान करने के लिए जांच के रूप में उपयोग किया जाता है।
न्यूरॉलजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ दीपिका सागर ने बताया कि ट्रांसक्रेनियल डापलर जांच दिमाग की रक्त की नलियों की स्टेनोसिस, सबएरकनोइड रक्तस्राव, धमनी फट जाने से होनेवाले रक्तस्राव, ब्रेन स्ट्रोक (आघात), सिकलसेल एनीमिया, रक्त की नलियों में संकुचन, धमनी या शिरा संबंधी विकृतियों और सेरेब्रल परिसंचरण व अन्य समस्याओ की पहचान करने के लिए बहुत ही उपयोगी जांच है। आज कल ये अपेक्षाकृत त्वरित और सस्ते परीक्षण लोकप्रियता में बढ़ रहे हैं।
[…] […]