– सेक्टर-6 में व्यवसायिक निर्माण के नाम पर छोड़ा था छोटा सा भूखंड।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। आवास एवं विकास परिषद ने जब शास्त्रीनगर योजना तैयार की थी, तो उसमें बरती गई लापरवाही का खामियाजा आज व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है। महज आवासीय योजना बनाकर देने वाले विभाग ने यह नही सोचा कि इतनी बड़ी आवासीय योजना में बड़े व्यवसायिक निर्माण की भी जरूरत पड़ेगी।
शास्त्रीनगर योजना का यदि पूरा खाका उठाकर देखें तो पता चलेगा कि व्यवसायिक निर्माण के नाम पर इतनी बड़ी योजना में एक हजार वर्ग मीटर जमीन का भी विकल्प नहीं दिया गया था। यही कारण रहा कि लोग अपनी जरूरतों के हिसाब से निर्माण करते रहे और इसी को देखते हुए बड़े व्यापारियों ने शहर का एक पॉश मार्केट यहां बसा दिया। अहम बात ये है कि इस मार्केट से सिर्फ व्यापारी हित ही नहीं जुड़े हुए हैं, बल्कि शास्त्रीनगर सहित पूरे शहर और आसपास के पचास गांवों के लोगों के हित भी जुड़े हुए हैं।
सरकार ने भी नहीं लिया संज्ञान: सेंट्रल मार्केट के विवाद को लेकर साल दर साल गुजरते रहे। इस दौरान सरकारें भी बदलती रही, लेकिन इसके निवारण पर किसी ने नहीं ध्यान नहीं दिया। यदि सरकार के स्तर से आवासीय योजना में पूर्व में हुई गलतियों को सुधारते हुए नियमावली में परिवर्तन कर शासनदेश जारी कर दिया जाता, तो शायद सेंट्रल मार्केट का यह विवाद खत्म हो गया होता। लेकिन सरकारें और उनके प्रतिनिधि इसे हलके में लेते रहे। जिसका परिणाम आज व्यापारी भुगत रहा है।
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