– ग्रीन पटाखों की अनुमति मिलने पर तैयारी में जुटा प्रशासन, पूर्व से चिह्नित हैं स्थान
शारदा रिपोर्टर मेरठ। दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री पर लगी रोक हटने के बाद प्रशासन भी तैयारियों में जुट गया है। बहुत कम बचे हैं, ऐसे में व्यवस्था तैयार करना प्रशासन के लिए चुनौती है। ऐसे में सभी संबंधित विभागों को होमवर्क दिया गया है जो अपनी अपनी तैयारी पूरी करने में जुट गए हैं। माना जा रहा है कि शुक्रवार से अस्थाई लाइसेंस के लिए आवेदन भी शुरू हो जाएंगे।
करीब पांच वर्ष पूर्व खराब वायु गुणवत्ता के कारण एनजीटी ने दिल्ली-एनसीआर इलाके में पटाखों पर रोक लगा दी थी। प्रदेश सरकार ने भी इसे सख्ती से लागू किया था, जिसके बाद से यहां पटाखों का कारोबार बंद हो गया। हालांकि चोरी छिपे लोग निर्माण करते रहे, जिससे दीपावली के बाद भी आतिशबाजी की जरूरत पूरी होती रहे। करीब 42 लाइसेंस थे, जो रोक के बाद से रिनीवल नहीं किए गए।
ग्रीन पटाखों को लेकर मिली अनुमति के बाद प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। पुराना डेटा निकलवा लिया गया है, जिसकी मदद से वह स्थान चिह्नित किए जा रहे हैं, जहां पूर्व में अस्थाई लाइसेंस के जरिए दुकाने लगाई जाती थीं। समय बहुत कम हैं, इसलिए तेजी से काम पूरा किया जा रहा है।
इन स्थानों पर लगती रहीं हैं दुकानें
कोतवाली के जीमखाना मैदान में, सदर बाजार के भैसाली मैदान और नेंसी रोड पर, सिविल लाइन के साकेत पार्क और सूरजकुंड पार्क की बाउंड्री पर, नौचंदी में नौचंदी मैदान स्थित पटेल मंडप में, ब्रह्मपुरी में सेकटर एक माधवपुरम निकट बिजलीघर खाली स्थान पर, टीपीनगर के रामलीला ग्राउंड दिल्ली रोड पर, कंकरखेड़ा में ग्राम दांतल वाले रास्ते पर सड़क किनारे, रेलवे रोड में जैन नगर के आगे स्टेशन वाली रोड के किनारे मैदान में, लालकुर्ती में एसएसडी ब्वायज इंटर कॉलेज के सामने खुले मैदान में, मेडिकल में शास्त्रीनगर ए-ब्लॉक स्थित शास्त्री पार्क में दुकानें लगना प्रस्तावित है।
अस्थाई दुकानों के लिए तय किए नियम
– दुकानों के बीच तीन मीटर की दूरी रहेगी।
– दुकानें एक दूसरे के सामने बिल्कुल नहीं होंगी।
– एक स्पॉट पर केवल 50 दुकानें ही रहेंगी।
– लाइट के लिए गैस व लैंप का इस्तेमाल नहीं होगा।
– हर दुकानदार को दो फायर एक्सटिंग्विशर रखना होगा।
– हर दुकान पर 50 लीटर पानी की व्यवस्था करनी होगी।
सीएफओ बोले- संभावना तलाश रहे विभाग
मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुरेंद्र सिंह की मानें तो अस्थाई लाइसेंस के आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। जिन विभागों की इस प्रक्रिया में भूमिका है, वह संभावना तलाश रहे हैं। इसके लिए पुरानी व्यवस्था का अवलोकन भी किया जा रहा है।