– राष्ट्रीय मानव संघ ने राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन डीएम कार्यालय में सौंपा।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। राष्ट्रीय मानव एकता संघ ने दलित शोषित समाज पर दिन प्रतिदिन बढ़ते जातीय अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ कमिश्नरी चौराहे पर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी में सौंपा।
प्रदर्शन कर रहे समाज के लोगों ने कहा कि, 5 अक्टूबर रायबरेली में हरि ओम वाल्मीकि नाम के दलित की पीट-पीट कर हत्या कर दी जाती है। 6 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय के चीफे जस्टिस बी आर गवई पर जातीय हिंसा की नीयत से जूता फेंका जाता है। 7 अक्टूबर हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस पूरन कुमार जातीय प्रताड़ना व उत्पीड़न किए जाने पर आत्महत्या कर लेते हैं। आप समझ सकते हैं कि, जब एक वरिष्ठ आईपीएस जातीय उत्पीड़न से इतना बड़ा फैसला ले सकता है कि, अपनी जान ले ले तो दलित समाज के आम लोगों का क्या हाल होगा।
इसलिए राष्ट्रीय मानव एकता संघ यह मांग करती है कि, इन तीनों घटनाओं में जो भी पुलिस प्रशासन एवं आला अधिकारी शामिल है, जिन्हें आईपीएस पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में चिन्हित किया है, ऐसे पुलिस अफसर को जनता का रक्षक नहीं कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि, हमारी मांग है कि सभी मामलों के दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए। साथ ही संवैधानिक संशोधन किया जाए कि, जो भी लोग जाति के नाम पर उत्पीड़न करते हो, चाहे वह किसी भी स्तर के लोग हों ऐसे लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाए।