- Karwa Chauth Moon Time 2025
- करवा चौथ का चांद कितने बजे निकलेगा?
Karwa Chauth 2025 : करवा चौथ का पर्व देशभर में बड़ी धूमधाम और आस्था के साथ मनाया जाता है यह दिन हर विवाहित महिला के लिए बेहद खास होता है, क्योंकि इस व्रत का संबंध पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य से जुड़ा है।
पूरे देश भर में आज करवा चौथ 2025 की धूम है। त्योहार के कारण बाजारों और मॉल्स में जबरदस्त भीड़ है, जहां महिलाओं में खरीदारी का गजब का उत्साह दिख रहा है। यह जोश उन सेलिब्रिटी नवविवाहितों में भी है, जिनके लिए यह उनका पहला करवा चौथ है। इस शुभ दिन पर, महिलाएं दुल्हन के रूप में तैयार होती हैं। वे सुहाग की सामग्री-जैसे लाल साड़ी, सिंदूर, चूड़ियां और गहने हनकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस व्रत की तैयारियां कई दिन पहले से ही शुरू कर दी जाती हैं। आइये जानते हैं आपके शहर में करवा चौथ का चांद कब दिखेगा-
शहर | चांद दिखने का वक्त (PM) |
दिल्ली | 8:13 |
मुंबई | 8:55 |
कोलकाता | 7:42 |
चेन्नई | 8:38 |
देहरादून | 8:05 |
चंडीगढ़ | 8:09 |
जयपुर | 8:23 |
पटना | 7:48 |
जम्मू | 8:11 |
गांधीनगर | 8:46 |
अहमदाबाद | 8:47 |
शिमला | 8:06 |
भोपाल | 8:26 |
लखनऊ | 8:02 |
कानपुर | 8:06 |
गोरखपुर | 7:52 |
प्रयागराज | 8:02 |
नोएडा | 8:12 |
गुरुग्राम | 8:14 |
हरिद्वार | 8:05 |
इंदौर | 8:34 |
भुवनेश्वर | 7:58 |
रायपुर | 8:01 |
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। SHARDA EXPRESS इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
पहली बार करवा चौथ का व्रत कर रही हैं? तो जान लें ये 7 मुख्य नियम
1. संकल्प और श्रद्धा के साथ व्रत करें
व्रत से पहले सुबह स्नान के बाद देवी पार्वती और भगवान शिव का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें – “मैं अपने पति की दीर्घायु और वैवाहिक सुख के लिए करवा चौथ व्रत कर रही हूँ.”
2. सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करें
सास द्वारा दी गई सरगी को सूर्योदय से पहले खाएं। दिनभर निर्जला उपवास रखना इस व्रत का मुख्य नियम है।
3. श्रृंगार और सुहाग सामग्री का ध्यान रखें
लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र पहने। सोलह श्रृंगार करें और मांग में सिंदूर अवश्य लगाएं. यह सौभाग्य और लंबी आयु का प्रतीक है।
4. करवा माता और गणेश जी की पूजा
शाम को पूजा थाली में करवा, दीपक, चूड़ियाँ, मेहंदी, फल और मिठाई रखें. करवा चौथ कथा सुनें और माता पार्वती को प्रणाम करें।
5. चंद्रमा को अर्घ्य देकर जल ग्रहण करें
जब चंद्रमा उदय हो जाए, छलनी से चाँद को देखें, फिर पति को देखें और अर्घ्य अर्पित कर उनसे जल ग्रहण करें।
6. पति से आशीर्वाद लें
जल ग्रहण के बाद पति से आशीर्वाद लेना शुभ होता है। इससे वैवाहिक जीवन में मधुरता बढ़ती है।
7. मन, वचन और कर्म की पवित्रता बनाए रखें
व्रत के दिन किसी से कटु वचन न कहें, मन को शांत रखें और सात्विक आचरण करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। SHARDA EXPRESS इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
करवा चौथ पर लाल साड़ी पहनने की वजह? जान लीजिए इसका कारण
करवा चौथ पर अक्सर ज्यादातर महिलाएं लाल साड़ी पहनती हैं, इसके पीछे अच्छे लुक्स के अलावा एक और खास वजह है। इसके अलावा धार्मिक मान्यताएं भी हैं।
हर साल महिलाओं को जिस त्योहार का बेसब्री से इंतजार होता है, वो करवा चौथ का त्योहार है। इस दिन तमाम महिलाएं अपने पति के लिए व्रत रखती हैं और दुल्हन की तरह सजती हैं। इसीलिए ये उनके लिए काफी खास दिन होता है. इस दिन पहनी जाने वाली हर चीज का अपना एक महत्व होता है, कई महिलाएं अपनी शादी का ही जोड़ा करवा चौथ पर पहनती हैं। वहीं, आपने अक्सर देखा होगा कि करवा चौथ पर ज्यादातर महिलाएं लाल रंग की साड़ी पहनती हैं, लेकिन क्या कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? आइए इसका जवाब जानते हैं।
करवा चौथ का लाल रंग से कनेक्शन
करवा चौथ और लाल रंग का खास कनेक्शन है। कुछ महिलाएं इस दिन लाल साड़ी सालों से चली आ रही परंपरा के चलते पहनती हैं। वहीं इस दिन महिलाएं अपनी शादी की तरह सजती हैं, ऐसे में लाल रंग उन्हें खास रॉयल लुक देता है। लाल साड़ी को सुहाग और प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है, इसीलिए करवा चौथ के दिन इस रंग को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं की बात करें तो इनमें कहा जाता है कि लाल साड़ी पहनने से मां पार्वती और करवा माता प्रसन्न होती हैं.
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शादी की यादें होती हैं ताजा
क्योंकि करवा चौथ का व्रत पति के लिए रखा जाता है और चांद देखने के बाद महिलाएं पति को देखती हैं, ऐसे में इस दिन को खास बनाने के लिए भी लाल रंग काफी अहम हो जाता है। पति के लिए भी पत्नी को शादी जैसे जोड़े में देखना काफी सुखद होता है। इसके अलावा सुर्ख लाल रंग आंखों को भी आकर्षित करता है, इसीलिए कई महिलाएं इस रंग की साड़ी या लहंगा पहनना पसंद करती हैं।
बिना खाए पिए रहती हैं महिलाएं
करवा चौथ का व्रत काफी मुश्किल होता है, इस दिन महिलाएं बिना पानी के सुबह से शाम तक रहती हैं। जब तक चांद नजर नहीं आता है, तब तक ये व्रत रहता है। चांद निकलने के बाद उसकी पूजा होती है और फिर पति को देखकर ये व्रत तोड़ा जाता है। व्रत तोड़ने के लिए पति अपनी पत्नी को पानी पिलाते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। SHARDA EXPRESS इसकी पुष्टि नहीं करता है।)