मथुरा। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बने रहने के कारण मथुरा यमुनापार क्षेत्र का हंसगंज गांव संकट में आ गया है। पिछले तीन दिनों में नदी के तेज कटान से करीब 20 फीट जमीन यमुना में समा चुकी है। कटान का रुख सीधे गांव की ओर होने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
गांव से सटे करीब 20 मकानों के पास यमुना का बहाव पहुंच चुका है। कटान की आशंका को देखते हुए एक दर्जन से अधिक परिवार अपने मकान खाली कर चुके हैं। लोग रात में अपने घरों में सोने से डर रहे हैं और रिश्तेदारों या परिचितों के यहां शरण लिए हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी बाढ़ जैसे हालात बने थे लेकिन इस तरह का कटान गांव की तरफ कभी नहीं हुआ।
कटान को रोकने के लिए ग्रामीण और सिंचाई विभाग के कर्मचारी लगातार प्रयास कर रहे हैं। यमुना किनारे खड़े पेड़ों को काटकर कटान वाली जगह पर डाला जा रहा है, वहीं मिट्टी से भरे कट्टे भी डालकर बहाव को रोका जा रहा है। इसके बावजूद कटान थम नहीं रहा है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि तेजी से प्रभावी कदम उठाए जाएं, वरना पूरा गांव खतरे में आ सकता है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला अधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि यमुना के जलस्तर और कटान पर लगातार नजर रखी जा रही है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को मौके पर ड्यूटी पर लगाया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि ग्रामीणों को किसी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी और हर संभव उपाय किए जाएंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि कटान को तुरंत नहीं रोका गया तो हंसगंज गांव पूरी तरह इसकी चपेट में आ सकता है। फिलहाल गांव के लोग असमंजस और भय के बीच अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।