- मृतक कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति थे।
मऊ। शनिवार सुबह 5 बजे एक इनोवा कार सड़क किनारे खड़ी ट्रेलर में पीछे से टकरा गई। हादसे में इनोवा सवार दंपती की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसा इतना भयानक था कि एयरबैग खुलने के बाद भी दोनों की जान नहीं बची। हादसा दोहरीघाट में वाराणसी-गोरखपुर हाईवे (एनएच-29) पर हुआ।
सुबह तड़के हादसा होने की वजह से 2 घंटे तक शव वहीं गाड़ी में पड़ा रहा। इसके बाद जब घायल युवक को होश आया तो उसने फोन करके घटना की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने गाड़ी में फंसे दोनों के दोनों के शवों और घायल युवक को गाड़ी का गेट काटकर बाहर निकाला। गाड़ी का इंजन पूरी तरह से डैमेज हो गया। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
कुशीनगर जिले के रहने वाले हरेराम तिवारी (58) कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक, महाराष्ट्र के कुलपति हैं। शनिवार सुबह अपनी पत्नी बदामी देवी (52) और ड्राइवर वैभव मिश्रा (28) के साथ बनारस से कुशीनगर जा रहे थे। वैभव ने बताया- मऊ जिले में पहुंचे ही थे की झपकी आने लगी। इस पर हरेराम तिवारी ने कहा कि तुम पीछे बैठकर थोड़ी देर सो जाओ, कुछ देर मैं ड्राइव कर लूंगा। वैभव ने बताया- इसके बाद वह पीछे की सीट पर जाकर सो गया।
कुछ ही देर बाद गाड़ी वाराणसी-गोरखपुर हाईवे (एनएच-29) पर अहिरानी बुजुर्ग पेट्रोल पंप के सामने खड़ी एक ट्रेलर में पीछे से टकरा गई। हादसा इतनी तेज था कि एयरबैग खुलने के बाद भी आगे बैठे हरेराम के सीने से स्टेयरिंग चिपट गई। और मुड़ गए, वहीं उनकी पत्नी बादामी देवी ने सीट बेल्ट नहीं लगाया था। इसकी वजह से वह सीट से नीचे गिर गई और पूरी शरीर मुड़ने से उनकी भी मौत हो गई।
हादसा सुबह करीब 5 बजे हुआ। इसके बाद 2 घंटे तक दोनों के शव और घायल वैभव गाड़ी में पड़े रहे। होश आने पर वैभव ने फोन कर घटना की जारी पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस घटना स्थल पर पहुंची। हादसे को देखकर पुलिस भी दंग रह गई। इनोवा कार के गेट को काटकर दोनों के शवों और घायल वैभव को किसी तरह पुलिस ने बाहर निकाला। पुलिस शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। जबकि गंभीर घायल वैभव को अस्पताल में भर्ती कराया है।
बता दें कि हरेराम तिवारी सम्पूणार्नंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रह चुके हैं। वह मूल रूप से देवरिया और कुशीनगर जिले के रहने वाले थे। वाराणसी से अपने घर कुशीनगर लौटते समय यह हादसा हुआ।


