- बड़ौती की युवती मनोरोगी बच्चों को पढ़ाने का करती थी काम, हॉस्टल में दी जान
शारदा रिपोर्टर मेरठ। सिविल लाइन थाना क्षेत्र के पांडव नगर में मनोरोगी बच्चों को पढ़ाने वाली बड़ौत निवासी मनोविज्ञानी युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार वह डिप्रेशन में थी और एक हॉस्टल में रह रही थी। जानकारी मिलने के बाद उसके परिवार वाले मौके पर पहुंचे। पुलिस ने फिलहाल शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच कर रही है।
तीन साल से पांडव नगर स्थित एक हॉस्टल में रहकर बड़ौत निवासी नईमा पुत्री नौशाद मनोविज्ञानी थी, वह मनोरोगी बच्चों को पढ़ाने का काम कर रही थी। गुरूवार को हास्टल में वह खाना खाकर सोई, लेकिन जब सुबह वह अपने कमरे से काफी देर तक बाहर नहीं आई, तो हॉस्टल में रहने वाली अन्य लड़कियों ने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया। लेकिन जब दरवाजा नहीं खुला, तो लड़कियों ने इसकी सूचना हॉस्टल संचालक को दी। जिस पर हॉस्टल संचालक ने सिविल लाइन थाने में फोन किया।
सूचना पर पुलिस हॉस्टल पहुंची और कमरे का दरवाजा तोड़कर भीतर पहुंची, तो देखा कि नईमा का शव फंदे पर झूल रहा था। इस बीच हॉस्टल संचालक ने नईमा के परिजनों को भी फोन पर सूचना दे दी। वह भी सूचना पाकर हॉस्टल पहुंच गए।
सीओं सिविल लाइन अभिषेक तिवारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह पुलिस को सूचना मिली थी कि पांडव नगर स्थित एक मकान में रहने वाली युवती फांसी के फंदे पर लटकी हुई है। उसके परिवार वालों के अनुसार वह काफी समय से डिप्रेशन में चल रही थी। इसी के चलते शायद उसने आत्महत्या की है। घटना की जांच की जा रही है।