Saturday, July 12, 2025
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शराब से मिला यूपी को 56000 करोड़ रुपये का राजस्व, आईएसडब्लूएआई ने जारी की रिपोर्ट

– पांच लाख को रोजगार भी मिला।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में आबकारी विभाग ने करीब 56 हजार करोड़ का योगदान दिया है, जो जीडीपी का 2.4 फीसदी है। साथ ही 5.3 लाख लोगों को रोजगार दिया है। बुधवार को इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन आॅफ इंडिया (आईएसडब्लूएआई) ने प्रदेश के एल्कोहलिक बेवरेज (एल्कोवेव) उद्योग पर अपनी पहली रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की है। रिपोर्ट में राज्य की अर्थव्यवस्था, रोजगार, कृषि, पर्यटन और औद्योगिक विकास में एल्कोबेव उद्योग की भूमिका को रेखांकित किया गया है।

रिपोर्ट जारी करने के बाद आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि ये रिपोर्ट उत्तर प्रदेश को दस खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए नीतियों को आकार देने में कारगर होगा।

आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश में पारदर्शिता को अपनाकर, एकाधिकार को समाप्त कर, डिजिटल सेवा और निवेशक अनुकूल वातावरण को बढ़ावा दिया गया है। एसोसिएशन के सीईओ संजीत पाधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आर्थिक पावरहाउस के रूप में बदल रहा है।

देशी शराब को कंपोजिट दुकानों का हिस्सा बनाएं

एसोसिएशन के क्षेत्रीय निदेशक परविन्दर सिंह ने कहा कि बियर और अंग्रेजी शराब की कंपोजिट दुकानों का प्रस्ताव इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन आॅफ इंडिया सहित अन्य संगठनों ने दिया था। अब इन कंपोजिट दुकानों में देशी शराब को भी शामिल किया जाए। इससे राजस्व में कम से कम 15 फीसदी की वृद्धि होगी और नकली व मिलावटी शराब पर नकेल कसेगी। यूपी में देशी शराब की सालाना वृद्धि 12 फीसदी और विदेशी शराब की करीब 6 फीसदी है।

सरकारी नीतियों का साथ मिले तो प्रदेश में तेजी से बढ़े वाइन इंडस्ट्री

देश में शराब के साथ अब लोग सेहत का भी ध्यान रख रहे हैं। यही वजह है। कि शराब की 52 प्रतिशत खपत के बाद बीयर की 48 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहीं, अभी केवल 0.4 प्रतिशत की खपत वाली वाइन इंडस्ट्री हर साल 3-4 प्रतिशत की दर से तेजी से बढ़ रही है।

विदेशी बाजारों में जहां वाइन का बोलबाला है, वहीं भारत में यह उभरता हुआ विकल्प बन रहा है। अगर सरकारी नीतियों का साथ मिले तो प्रदेश में वाइन इंडस्ट्री फल फूल सकता है। लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आईजीपी में आयोजित एक सम्मेलन में उद्यमियों ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, सिक्किम की तरह यूपौ में भी माइक्रोवेवरी, जीरो एल्कोहल बीयर, व डोर स्टेप डिलीवरी की सुविधा दी जाए। साथ ही, अन्य राज्यों में भेजने पर लगने वाला 150 प्रतिशत टैक्स खत्म कर निर्यात को बढ़ावा देने की बात कही गई।

सरकारी नीतियों का साथ मिले तो प्रदेश में तेजी से बढ़े वाइन इंडस्ट्री

इंटरनेशनल स्प्रिट्स एंड वाइन एसोसिएशन में टैक्स एडवाइजर सुरेश मेनन का कहना है कि वाइन के क्षेत्र में सरकार को स्पष्ट नीति बनाने की जरूरत है। कर्नाटक की तरह साल में एक ही दुकानदार को लाइसेंस का रिन्यू करना चाहिए।

माधवेंद्र देव सिंह का कहना है कि माल ब्लाक में हाल ही में वाइन की इंडस्ट्री लगाई है। आम, शहतूत, नींबू, पुदीना और शहद के मिश्रण से वाइन बनेगी। अगले एक महीने में बाजार में उत्पाद लॉन्च हो जाएगा।

ग्लोबस स्पिरिट लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अमिताभ सिंह का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में शराब में इस्तेमाल होने वाली एल्कोहल की शुद्धता बढ़ी है, जिससे सेहत को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता है। स्पिरिट बाजार और आगे बढ़ेगा।

उद्यमी अश्विन रोड्रिग्स का कहना है कि यूपी में आम, केला, अमरूद बहुतायत में है, जिसके पल्प से वाइन बन सकती है। महाराष्ट्र की तरह यूपी में एक्शन प्लान बनाया है, जिसे आबकारी विभाग को सौंपा गया है।

 

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