- चार दिन में तीसरी बार उपद्रवियों ने बनाया निशाना।
झांसी। उपद्रवियों ने शताब्दी एक्सप्रेस को एक बार फिर से निशाना बनाया है। ट्रेन के झांसी पहुंचने से पहले उसके कोच पर पत्थर मारकर उपद्रवियों ने खिड़की का शीशा तोड़ दिया। शताब्दी एक्सप्रेस बीते चार दिन में तीसरी बार हुए पथराव के बाद अब रेलवे की प्रीमियम ट्रेन की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। बुधवार को हुई घटना के बाद ट्रेन में मौजूद आरपीएफ के जवानों ने मौके पर पहुंच कर पड़ताल की लेकिन कोई हाथ नहीं आया। रानी कमलापति से चलकर नई दिल्ली जाने वाली ट्रेन नंबर 12001 शताब्दी एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर चल रही थी। लेकिन ट्रेन जब झांसी से पहले बबीना से झांसी की तरफ बढ़ रही थी, तभी किसी उपद्रवी ने शताब्दी एक्सप्रेस के सी-6 कोच पर पथराव कर दिया, इससे ट्रेन की खिड़की का शीशा टूट गया। यहां जोरदार आवाज सुनकर यात्रियों में भी दहशत की स्थिति बन गई।
इसी बीच यात्रियों ने सुरक्षा बलों को सूचना दी, लेकिन तब तक ट्रेन घटना स्थल से आगे आ चुकी थी। यहां मौके पर पहुंचे स्क्वायड के जवानों ने कंट्रोल रूम को सूचना देकर घटना से अवगत कराया और मौके पर उपद्रवियों की तालाश की गई, लेकिन कोई नहीं मिला। इसके बाद ट्रेन को झांसी के लिए रवाना कर दिया गया। इस घटना के चलते शताब्दी एक्सप्रेस 21 मिनट घटना स्थल पर खड़ी रही और अपने निर्धारित समय शाम 6.40 की जगह 34 मिनट की देरी से 7.14 बजे झांसी पहुंची। ट्रेन के झांसी पहुंचने पर उसके टूटे हुए शीशे में टेप लगाकर उसे आगे की यात्रा के लिए रवाना किया गया।
चार दिन में तीन बार शताब्दी पर हुआ पथराव
रेलवे के सुरक्षा बलों को चुनौती दे रहे उपद्रवियों ने शताब्दी लगातार निशाना बनाया है। तमाम स्क्वायड के बावजूद ट्रेन का सुरक्षित संचालन नहीं हो पा रहा है। महज चार दिन में उपद्रवियों ने शताब्दी एक्सप्रेस पर तीन बार पथराव किया। इससे पहले बीते रविवार और फिर मंगलवार को शताब्दी एक्सप्रेस पर पथराव हो चुका है, जिसमें उसकी खिड़की के शीशे टूट गए थे। पहली बार मध्य प्रदेश के विदिशा और फिर ग्वालियर के पास ट्रेन पर पत्थर मार गए थे।
दोनों घटनाओं में आरपीएफ को अबतक नहीं मिला सुराग
बुधवार को हुई पत्थरबाजी की घटना से पहले दो बार और हो चुके शताब्दी एक्सप्रेस पर पथराव के मामले में आरपीएफ के हाथ अबतक कोई भी आरोपी नहीं आया है। हालांकि, झांसी आरपीएफ ने ग्वालियर से दतिया के बीच हुए पथराव के मामले में बताया कि ट्रैक के पास 10-12 साल के 4-5 बच्चे मिले थे, जिनसे पूछताछ करने पर वह भाग गए। वहीं, बुधवार को हुई घटना के संबंध में आरपीएफ ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।