- आतंकियों ने पहले नाम पूछा और फिर मारी गोली,
कानपुर। जम्मू-कश्मीर में कानपुर के कारोबारी को पत्नी के सामने आतंकियों ने गोली मार दी। पत्नी ने परिवार को फोन पर बताया- आतंकियों ने पहले नाम पूछा और फिर सिर में गोली मार दी। जब मैंने उनसे कहा कि मुझे भी गोली मार दो…। इस पर आतंकियों ने कहा- तुम्हें नहीं मारेंगे, तुम जाकर मोदी और सरकार को बताओ…इसीलिए तुम्हें छोड़ रहे हैं। पति की मौत के बाद पत्नी बेहोश हो गई थी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस और सेना ने कारोबारी को कश्मीर के अस्पताल में भर्ती कराया। शाम को पुलिस की मदद से शुभम की पहचान हो सकी।
31 वर्षीय शुभम द्विवेदी की 2 महीने पहले एशान्या से शादी हुई थी। 17 अप्रैल को पत्नी एशान्या और परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। उन्हें आज यानी 23 अप्रैल को घर लौटना था। मगर एक दिन पहले पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार दोपहर 2:45 बजे आतंकियों ने हमला कर दिया।
हमले में शुभम समेत 27 लोगों की मौत हो गई। 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। आतंकी हमले का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मैदान में एक लाश दिख रही है।
12 फरवरी को हुई थी शुभम की शादी
शुभम के पिता संजय द्विवेदी कानपुर में सीमेंट कारोबारी हैं। उनका परिवार महराजपुर थाना क्षेत्र के गांव हाथीपुर का मूल निवासी है। फिलहाल वे कानपुर के श्यामनगर में परिवार के साथ रहते हैं।
परिवार वालों ने बताया- शुभम की इसी साल 12 फरवरी को यशोदानगर निवासी एशान्या से शादी हुई थी। 17 अप्रैल को वह पत्नी एशान्या के साथ कश्मीर घूमने गए थे। साथ में शुभम की मां सीमा, पिता संजय, बहन आरती, बहनोई शुभम दुबे, शुभम के ससुर राजेश पांडेय और सास भी गए थे।
भाई बोला- आतंकियों ने लोगों से नाम पूछा, फिर कलमा पढ़वाया
शुभम के भाई सौरभ ने बताया- भैया और भाभी सोनमर्ग, गुलमर्ग घूमने के बाद पहलगाम पहुंचे थे। हमारी उनसे फोन पर बात हुई थी। पता चला कि शुभम और उनकी पत्नी एशान्या घुड़सवारी करते हुए पहाड़ों की ऊंचाई तक गए थे, जबकि परिवार के अन्य सदस्य नीचे ही थे।
अचानक वहां भगदड़ मच गई। कुछ देर बाद सूचना मिली कि आतंकियों ने लोगों पर गोलीबारी की है। लोगों से नाम पूछा गया और उन्हें कलमा पढ़ने को कहा गया।
सौरभ ने बताया- वहां मौजूद हमारे परिवार के लोगों ने हमें एक वीडियो भेजा। कहा- देखो, शुभम को क्या हो गया। वीडियो में एक शव दिख रहा था, जो देखने में शुभम जैसा लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि उसके माथे में गोली मारी गई है। हमने तुरंत बाकी परिजनों को जानकारी दी।
वीडियो में दिख रहा था कि कश्मीर की घाटी में एक युवक जमीन पर पड़ा था। बैकग्राउंड में एक महिला चिल्ला रही थी- बचा लो, मेरे पति को बचा लो…। एक पुरुष की आवाज भी सुनाई दे रही थी। हम आ रहे हैं, हम इनके साथ हैं। मैडम, आप टेंशन न लें। महिला कह रही थी-प्लीज, हमारे साथ चलो।
चाचा बोले- बेटे ने कलमा पढ़ने से मना किया तो मारी गोली
शुभम के चाचा ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज द्विवेदी ने बताया- मंगलवार दोपहर मैं टीवी पर न्यूज देख रहा था, तभी जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की खबर आई। मैंने तुरंत अपने भाई संजय को फोन किया। उस वक्त वे बेहद घबराए हुए थे। उन्होंने बताया- आतंकी हमला हुआ है और शुभम उसमें फंस गया है।
वे इतने परेशान थे कि ज्यादा कुछ नहीं बता सके। थोड़ी देर बाद बहू ने फोन करके बताया कि शुभम को मेरे सामने गोली मारी गई।
आतंकियों ने शुभम से कहा- कलमा पढ़ दो, छोड़ देंगे। जब शुभम ने मना कर दिया तो सिर में गोली मार दी। यह सब देखकर बहू चीखने लगी। उसने आतंकियों से कहा- मुझे भी गोली मार दो। इस पर आतंकियों ने कहा- तुम्हें नहीं मारेंगे, जाकर मोदी और सरकार को बताओ। इसके बाद बहू बेहोश हो गई।
शुभम के परिवार का राजनीति से भी जुड़ाव
आतंकी हमले में मरने वाले शुभम के परिवार की महाराजपुर क्षेत्र में पॉलिटिकल पकड़ मजबूत है। शुभम के चाचा मनोज द्विवेदी ने बताया- हमारे पिता चंदन प्रसाद द्विवेदी 18 साल हाथीपुर के प्रधान रहे। वह 1977 से 1995 तक प्रधान चुने गए।
इसके बाद 1995 से लेकर 2005 तक चाचा सुभाष द्विवेदी प्रधान रहे। शुभम के पिता संजय क्षेत्र के बड़े सीमेंट व्यवसायी हैं। चचेरे भाई शैलेंद्र द्विवेदी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और पूर्व मंत्री अनंत मिश्रा से अच्छे संबंध हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल से की बात
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिंहा से फोन पर बात की। वहां के हालातों की जानकारी ली। साथ ही कानपुर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग कालेज रूमा में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ होने वाले वन नेशन-वन इलेक्शन कार्यक्रम को रद्द कर दिया। सतीश महाना ने कहा- आतंकियों की कायराना करतूत को करारा जवाब दिया जाएगा।