छोटे नियमों के पालन से मिलता है बड़ा पुण्य: आचार्य ज्ञेय सागर

Share post:

Date:


शारदा रिपोर्टर मेरठ। अभिषेक एवं शांति धारा एवं नित्य नियम पूजा के पश्चात आचार्य ज्ञेय सागर मुनिराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए अपने प्रवचनों में बताया जैन धर्म में उपवास और तपस्या को आत्मा की शुद्धि और कर्मों के क्षय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। गुरु के दिए गए उपदेशों में यह विचार प्रेरणा देने के लिए होता है कि छोटे-छोटे नियमों का पालन करके भी हम बड़े पुण्य अर्जित कर सकते हैं।

यदि आप रोजाना 3 घंटे तक अन्न या पानी ग्रहण नहीं करते हैं, तो यह एक प्रकार की तपस्या है। इसे नियमित रूप से करने से महीने के अंत तक यह मान लिया जाता है कि आपने लगभग 3 दिन का उपवास किया, क्योंकि छोटे-छोटे प्रयास मिलकर बड़ा परिणाम देते हैं। रात्रि में भोजन न करना जैन धर्म में स्वास्थ्य, ध्यान और तपस्या के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। इसे करने से साल भर में 6 महीने के उपवास का पुण्य प्राप्त होता है, क्योंकि रात में भोजन न करना एक विशेष प्रकार की आत्मसंयम की साधना है। आचार्य श्री 108 ज्ञेय सागर जी मुनिराज ने कहा यह उपदेश आत्मसंयम और नियमित अभ्यास की महत्ता पर जोर देता है। धर्म में यह विश्वास है कि छोटी-छोटी साधनाएँ भी बड़े पुण्य का कारण बनती हैं।

मंदिर परिसर में रमेश जैन, विनोद जैन, कपिल जैन, मनोज जैन रजनीश जैन, रचित जैन, अमित जैन, आभा जैन, सोनिया जैन, नीरू जैन, अनामिका जैन रीमा जैन आध्या जैन संस्कृति जैन अनविका जैन, अनविक जैन आदि उपस्थित रहे।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular

More like this
Related

हस्तिनापुर महोत्सव: महाभारत कालीन धरोहर की दिखेगी झलक

नगर पंचायत के सहयोग से कल से शुरू...

नमो भारत और मेरठ मेट्रो स्टेशन के पास मिलेगा सस्ता फ्लैट

मेडा दे रहा आफर, आठ साल पुरानी कीमतों...

आयुष मंत्रालय की समिति में सदस्य बने वाजपेयी

शारदा रिपोर्टर मेरठ। राज्यसभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय...