एजेंसी, काबुल। अफगानिस्तान के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज फजलहक फारूकी पर जिम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में खेले गए तीन मैचों की वनडे सीरीज के दूसरे मुकाबले के दौरान अंपायर के फैसले का विरोध करने के लिए मैच फीस का 15 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया। यह जुर्माना आईसीसी की आचार संहिता के लेवल एक उल्लंघन के तहत लगाया गया। फारूकी ने इंटरनेशनल मैच के दौरान अंपायर के फैसले से असहमत होने की स्थिति में यह उल्लंघन किया। यह घटना जिम्बाब्वे की पारी के 5वें ओवर के दौरान हुई, जब फारूकी ने क्रेग इरविन के खिलाफ छइह की अपील की थी, जिसे अंपायर ने नकार दिया। इसके बाद फारूकी ने असहमति जताते हुए रिव्यू के लिए इशारा किया, हालांकि मैच में ऊफर उपलब्ध नहीं था।
आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 के तहत यह उल्लंघन खिलाड़ियों और उनके सहयोगी स्टाफ को अंपायर के फैसले पर आपत्ति जताने से संबंधित होता है। इस उल्लंघन के कारण फारूकी को मैच फीस का 15 प्रतिशत जुमार्ना भरना पड़ा और उनके अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमैरिट अंक भी जोड़ दिया गया। यह पहली बार था जब फारूकी ने पिछले 24 महीने के भीतर आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
फारूकी ने एंडी पाइक्रोफ्ट, जो इस मैच के मैच रैफरी थे, द्वारा प्रस्तावित जुमार्ने को स्वीकार कर लिया। आईसीसी की आचार संहिता के तहत जुमार्ना स्वीकार करने से खिलाड़ियों को अनुशासनात्मक सुनवाई का सामना नहीं करना पड़ता, बशर्ते वे जुमार्ने को स्वीकार करें। यह घटना अफगानिस्तान और जिम्बाब्वे के बीच खेले गए उस मैच के दौरान हुई, जो इंचरनेशनल क्रिकेट में विवादों के कारण चर्चा में रहा।