नई दिल्ली। सरकार ने कैंसर रोधी दवाओं की पहुंच और किफायती कीमत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तीन महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके तहत ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डवार्लुमैब जैसी दवाओं पर अधिकतम खुदरा मूल्य (टफढ) को घटाने का निर्देश दिया गया है। इस बारे में जानकारी केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने संसद में साझा की। भारत में कैंसर के मामले काफी बढ़ रहे हैं। हाल ही में लैंसेट के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में 2019 में लगभग 12 लाख नए कैंसर के मामले और 9.3 लाख मौतें दर्ज की गईं।

केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि सरकार द्वारा जारी निदेर्शों के बाद निमार्ताओं ने तीन प्रमुख कैंसर रोधी दवाओं झ्र ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डवार्लुमैब झ्र की अधिकतम खुदरा कीमत (टफढ) को घटा दिया है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने निमार्ताओं को इन दवाओं पर जीएसटी दरों में कमी और सीमा शुल्क में छूट के लाभ को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए एमआरपी कम करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा, निमार्ताओं को कीमतों में बदलाव की जानकारी एनपीपीए को जमा करने का निर्देश भी दिया गया था।

जीएसटी और सीमा शुल्क में बदलाव

जीएसटी दरें 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गईं। दवाओं पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को जीरो प्रतिशत किया गया, जिससे कीमतों में उल्लेखनीय कमी आई। निमार्ताओं ने इन निदेर्शों का पालन करते हुए एमआरपी में कटौती की है और इसकी जानकारी एनपीपीए के पास दाखिल की है।

 

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