शारदा रिपोर्टर, मेरठ– गन्ना समिति चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए परतापुर क्षेत्र में जहां घमासान अभी तक मचा हुआ है, वहीं हस्तिनापुर में भी जमकर हंगामा हुआ। इन दोनों क्षेत्रों में क्षेत्रीय विधायकों पर सत्ता के दबाव का दुरूपयोग करने का आरोप लगा है। लेकिन अब जो मामला खुलकर सामने आया है, वह बहुत ही चौंकाने वाला है। यहां पर दोनों मंत्रियों ने अपने-अपने विभाग के अधिकारी को चुनाव अधिकारी बनवा दिया।
विद्युत विभाग के अधिकारियों की चुनाव में कभी ड्यूटी नहीं लगती है। लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तक में विद्युत विभाग के अधिकारियों को चुनाव से दूर रखा जाता है। लेकिन इस बार गन्ना समिति चुनाव में ये सारे नियम ध्वस्त हो गए। परतापुर क्षेत्र में पॉवर कॉरपोरेशन के अधिशासी अभियंता चुनाव अधिकारी बनाए गए हैं, तो हस्तिनापुर क्षेत्र में सिंचाई विभाग के अधिकारी चुनाव करा रहे हैं।
मंत्रियों के दबाव में अधिकारी, पर्चे निरस्ती के बाद हो रही मारामारी
जब दोनों ही मंत्रियों ने अपने अपने क्षेत्र में चुनाव अधिकारी अपने ही विभाग के अधिकारी बनवा दिए हों, तो साफ समझा जा सकता है कि उसके बाद क्या होगा। चुनाव प्रक्रिया पर विपक्ष के आरोप इस हालात में बेबुनियाद नजर नहीं आते हैं। हालांकि जितनी बड़ी संख्या में पर्चे निरस्त हुए, वह ही चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाने के लिए काफी है। लेकिन अब विभागीय अधिकारियों के द्वारा चुनाव कराने से मामला और ज्यादा गरमा गया है।
भविष्य धांधली लायक नहीं छोड़ेंगे: अनुराग चौधरी
भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा कि हम पहले ही दिन से चुनाव प्रक्रिया में धांधली पर आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सत्ता के दबाव में प्रशासन हमारी सुनने को तैयार नहीं है। चुनाव अधिकारी यदि किसी प्रशासनिक अधिकारी को बनाया होता,तो वह इतने दबाव में नहीं होता। लेकिन मंत्रियों ने अपने-अपने विभाग के चुनाव अधिकारी तैनात करवाकर चुनाव की पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता खत्म कर दी है।
अनुराग चौधरी ने कहा कि यह इन मंत्रियों और सरकार का अंतिम चुनाव है। अगले चुनाव में जनता इन्हें धांधली करने लायक नहीं छोड़ेगी, यह तय है। क्योंकि मंत्रियों के भ्रष्टाचार और घमंड का घड़ा अब पूरी तरह भर चुका है।