- हाथरस सड़क हादसा: पांच भाइयों का परिवार खत्म, आज एक साथ निकले जनाजे।
आगरा। हाथरस सड़क हादसे में आगरा जिले के खंदौली थाना क्षेत्र के गांव सैमरा में शुक्रवार देर रात तक एक के बाद 17 शव पहुंचे। गांव में चीख पुकार मच गई। गांव के मोहल्ला कारू में मुन्ना, लतीफ, बेदरिया, चुन्ना, और नूर मोहम्मद का आंगन छोटा पड़ गया। तंबू लगाकर शव रखे गए। हादसे में किसी के सिर से पिता का साया उठा तो किसी की मांग का सिंदूर उजड़ गया। किसी के मासूम छिन गया तो किसी के परिवार में कोई बचा ही नहीं है। इस हादसे में पांच भाइयों का परिवार खत्म हो गया। मरने वालों में छह बच्चे भी शामिल हैं। आज सभी के अंतिम संस्कार किए जाएंगे।
कैसे करूं सब्र… लुट गया सब कुछ
सड़क हादसे में पांच भाइयों के परिवार के 16 लोग दुनिया से चले गए। गांव सैमरा में मातम पसरा है। जब मासूमों के शव गांव में पहुंचे तो परिजन उनका चेहरा देखते ही बिलख उठे। बोले… या अल्लाह… ये क्या हुआ… मेरा सब कुछ उजड़ गया। तुझे इन बच्चों पर रहम करना चाहिए था। अनीस ने बताया कि बडे़ भाई हामिद, शोएब और सूफियान का शव देखकर सभी रो रहे हैं। हादसे में शान मोहम्मद की पत्नी, दो बेटे और एक बेटी खो दी है। वहीं जैसे जैसे गांव में रात में शव पहुंचते गए. चीख पुकार मच गई।
हादसे की सूचना पर परिचित, रिश्तेदार शुक्रवार देर रात तक गांव में पहुंच गए। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी रात से ही गांव में डेरा डाले हैं। एसडीएम एत्मादपुर संगमलाल गुप्ता और एसीपी एत्मादपुर पियूषकांत राय गांव में पहुंच चुके हैं। शनिवार की सुबह एक साथ जनाजे निकलेंगे. सभी शव कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किए जाएंगे। इसको लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने रात में ही परिजन और परिचितों से बात की थी।
बता दें, खंदौली थाना का गांव सैमेरा मिश्रित आबादी का है. गांव में नसीम अली का सबसे बड़ा परिवार है। नसीम अली के पांच बेटे मुन्ना, लतीफ, बेदरिया, चुन्ना, और नूर मोहम्मद हैं। वे आसपास ही मोहल्ला कारू में रहते हैं. हादसे ने सभी को हिलाकर रख दिया है। हादसे की खबर आते ही मोहल्ले में मातम छा गया। हर तरफ चीत्कार मच गई। हर आंख में आंसू थे। किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक साथ गांव से 17 जनाजे उठेंगे।
पिकअप से चालीसवें में गए थे सभी
नसीम के बेटे बेदरिया की बेटी असगरिया का निकाह हाथरस के सासनी क्षेत्र स्थित गांव मुकुंदखेड़ा में हुआ है। असगरिया की दादी सास के चालीसवें में पूरा परिवार शुक्रवार दोपहर एक बजे सैमरा से पिकअप से गया था। इसमें मुन्ना, लतीफ, बेदरिया, चुन्ना, और नूर मोहम्मद के साथ ही उनके बेटे, बहू और पौत्र व बेटियां सभी चालीसवें में मुकुंदखेड़ा के लिए गए थे। घर पर अकेला बेदरिया का बेटा सोनू रुका था। लतीफ ने शाम 6 बजे फोन कर सोनू को हाथरस में दुर्घटना की जानकारी दी तो गांव में कोहराम मच गया। आगरा-अलीगढ़ हाईवे पर अलीगढ़ डिपो की बस और पिकअप में टक्कर हो गई थी।
पिता रुक गए थे
सोनू ने बताया कि मेरे परिवार के 15 लोग हादसे का शिकार हुए हैं। गांव में चीख पुकार मची हुई है। आसपास से रिश्तेदार भी पहुंच गए हैं। बेदरिया खां का बेटा इरशाद फेरी लगाकर कपड़े बेचता था। शुक्रवार दोपहर को घर देर से पहुंचा था। तब तक पिकअप निकल चुकी थी। इसलिए बाइक से पत्नी आबिदा और छह माह के बेटे आरिफ को लेकर मुकुंदखेड़ा के लिए चला गया। चालीसवें में शामिल होने के बाद घर लौटने को तैयार हुआ तो पता चला कि पिता बेदरिया खां को मुकुंदखेड़ा में रात को रुकेंगे। इरशाद ने पिता के लिए अपनी बाइक छोड़ी और पत्नी और बेटे के साथ पिकअप में ही बैठ गया। हादसे में इरशाद की मौत हो गई। जबकि उनकी पत्नी आबिदा और आरिफ घायल हैं।
Allah karwat karwat sukun de Ghar walo ko sabr de Rabbul Alamin