मेरठ कॉलेज को मिली पीजी डिप्लोमा इन साइबर क्राइम एंड लॉ की अनुमति

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  • मेरठ कॉलेज में विभागवार नैक मूल्यांकन की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
  • दिसंबर माह में मेरठ कॉलेज का नैक मूल्यांकन का चौथा चक्र होगा।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। मेरठ कॉलेज के ऐतिहासिक कमेटी हॉल में मेरठ कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर युद्धवीर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की।

प्रोफेसर युद्धवीर सिंह ने बताया की मेरठ कॉलेज में 29 पोस्ट ग्रेजुएट विभाग है, जिनमें स्नातक, परास्नातक से लेकर पी एच डी करने तक की सुविधाएं उपलब्ध हैं। वर्तमान वर्ष के दिसंबर माह में मेरठ कॉलेज का नैक मूल्यांकन का चौथा चक्र होगा। इस चक्र में मेरठ कॉलेज अच्छा प्रदर्शन करे, इसके लिए पिछले दो वर्षों से मेरठ कॉलेज में युद्ध स्तर पर तैयारी चल रही है। पिछले तीन दिनों से प्रतिदिन अनेक विभागों की समीक्षा आइक्यूएसी की कोआॅर्डिनेटर डॉक्टर अर्चना सिंह एवं प्राचार्य डा युद्धवीर सिंह द्वारा की जा रही है।

नैक मूल्यांकन में अच्छा ग्रेड आए इसके लिए सभी विभाग अपना अपना प्रदर्शन पीपीटी के माध्यम से कर रहे हैं। अब संस्थाओं को ग्रेडिंग के स्थान पर एक से पांच तक लेवल दिए जाएंगे। पांचवें लेवल को प्राप्त करने वाला संस्थान सेंटर फॉर एक्सीलेंस का दर्जा प्राप्त करेगा। यह पुराने ए प्लस प्लस ग्रेडिंग के बराबर होगा।

प्रो युद्धवीर सिंह ने बताया की मेरठ कॉलेज को वर्तमान सत्र से ही चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से साइबर क्राइम में डिप्लोमा चलाने की अनुमति मिली है। इस डिप्लोमा का नाम पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन साइबर क्राइम एंड लॉ है। यह एक वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम है। इस कोर्स में 40 सीटें हैं और इसकी फीस 31 हजार रुपए रखी गई है। जो मेरठ कॉलेज के विधि विभाग के संरक्षण में चलेगा। इस साइबर क्राइम को नियंत्रित करने वाले कानून को हम साइबर लॉ के रूप में जानते हैं।

साइबर क्राइम एवं लॉ के इस पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा को करने के बाद छात्र साइबर वकील, लीगल असिस्टेंट, साइबर कंसलटेंट जैसे पदों पर नौकरी कर सकते हैं, जिसमें एक लाख से लेकर 3 लाख तक का वेतन उन्हें प्राप्त हो सकता है। साइबर लॉ में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा कोर्स पूरा करने के बाद कोई भी छात्र अपना आगे का अध्ययन जारी रख सकता है।

 

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