शारदा रिपोर्टर
मेरठ। आम आदमी पार्टी जिला अध्यक्ष अंकुश चौधरी के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि गन्ना किसानों के पिछले पेराई सत्र वर्ष 2022-23 का बकाया भुगतान तुरंत मय ब्याज कराया जाय।
आम आदमी ने प्रदेश सरकार पर गन्ना किसानों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। जिला अध्यक्ष अंकुश चौधारी का कहना है पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की फसल बहुतायत में उगायी जाती है। इस क्षेत्र को गन्ना बेल्ट के रूप में भी जाना जाता है लेकिन विडंबना यह है प्रत्येक वर्ष गन्ना किसानों को ना तो गन्ने का उचित मूल्य ही मिलता है और ना ही चीनी मिलों द्वारा समय से किसानों का भुगतान ही किया जाता है। प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी चीनी मीलों पर गन्ना किसानों का पिछली पेराई सत्र वर्ष 2022-23 का करोड़ो रुपया बकाया है। जबकि नया गन्ना पेराई सत्र शुरू हुए महीनो हो गए है। किसानो को समय से गन्ने का भुगतान नहीं होने के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बेटी की शादी हो या बीमारी की दशा में या अन्य पारवारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए किसानों को समस्या का सामना करना पड़ता है। गन्ना सत्र शुरू हो गया है लेकिन सरकार द्वारा न तो गन्ने का मूल्य (एसएपी ) घोषित किया नही पुराने बकाया भुगतान को लेकर कोई घोषण की गई है। जबकि प्रदेश का किसान उम्मीद कर रहा था कि अक्तूबर में पेराई सत्र की शुरूआत में एसएपी की घोषणा की जाएगी।
लेकिन अब जनवरी है और गन्ना किसानों को अभी भी नहीं पता है कि उनकी फसल के लिए मिलों से क्या कीमत मिलेगी। प्रदेश में जब से योगी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार सत्ता में आई है तब से उत्तर प्रदेश में गन्ने की कीमत केवल 35 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ी है। यह पहली सरकारों के कार्यकाल के दौरान बढ़ाई गई कीमत से काफी कम है। इसके बावजूद सरकार द्वारा अभी तक गन्ने का रेट ही तय नहीं किया गया है और न ही इस सत्र मे गन्ना किसानों को समय से गन्ना भुगतान किये जाने का भरोसा ही दिया गया है। किसान जी तोड़ मेहनत से भयंकर गर्मी, सर्द व अंधेरी रातों में जंगली जानवरों के खतरे के बावजूद अपनी जान जोखिम में डालकर फसल तैयार करता है। लेकिन जब फसल बेचने के लिए चीनी मिलों पर जाता है तो उसे नहीं पता होता है कि उसकी खून-पसीने से तैयार की गई फसल की कितनी कीमत मिलेगी। आज के समय में जब देश मे प्रधानमंत्री द्वारा डिजिटल इंडिया का नारा दिया जा रहा है तो गन्ना किसानों के लिए मिलों द्वारा नगद व उचित भुगतान न दिया जाना गन्ना किसानों के प्रति घोर अन्याय है। गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर आप ने तीन मांग उठाई है जिनमें पहली मांग गन्ना किसानों के पिछले पेराई सत्र वर्ष 2022-23 का बकाया भुगतान तुरंत मय ब्याज कराया जाय, दूसरी मौजूदा पेराई सत्र-2024 के लिए गन्ने का खरीद मूल्य पाँच सौ रुपया प्रति क्विंटल तत्काल घोषित किया जाए और तीसरी मांग पेराई सत्र 2024 से गन्ना किसानों को तुरंत मिल पर गन्ना डालने के 24 घंटे के अंदर आॅनलाइन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।