शारदा न्यूज रिपोर्टर
मेरठ। आजादी के बाद हुए विभाजन के बाद मेरठ में आकर बसे पाकिस्तान में जन्मे रामचंद्र डाबर बचपन से ही श्रीराम की भक्ति में रमे हैं। उन्होंने परिवार के पालन पोषण के लिए रिक्शा चलाया, मेहनत मजदूरी की। 1951 में उनकी डाक विभाग में चपरासी की नौकरी लग गई। 1989 में वह चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित डाकघर से पोस्ट मास्टर पद से सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद रामधुन ऐसी सवार हुई कि शास्त्रीनगर में भगवान श्रीराम का मंदिर स्थापित कर दिया। 93 वर्षीय रामचंद्र डाबर के 258 भजन यू ट्यूब पर मौजूद हैं। पाकिस्तान के मोंटगोमरी जिले के चिचावतनी के मूल निवासी राम चंद्र डाबर दस साल की उम्र में गुरुद्वारे में शबद-कीर्तन, पाठ करने लगे थे। अब गोपाल धाम शास्त्रीनगर सेक्टर एक में रहने वाले रामचंद्र डाबर जो अब राम बाबा नाम से विख्यात हैं यू ट्यूब पर 258 भजनों के जरिए चचार्ओं में हैं। वह यहां खुद बनाए मंदिर में रहते हैं और वहीं भगवान श्रीराम के साथ अन्य देवविग्रह की पूजा करते हैं।