ध्वस्तीकरण के बाद किया निर्माण तो लगेगा गुंडा एक्ट

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  • मेडा जीआईएस सर्वे की इमेज के आधार पर चिह्नित करेगा फिर से होने वाले अवैध निर्माण।

शारदा न्यूज, रिपोर्टर |

मेरठ। मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) अब हर पंद्रह दिन में जीआईएस इमेज के जरिए अपने विकास क्षेत्र का नक्शा अपडेट करेगा। इसमें विशेष रूप से उन क्षेत्रों को देखा जाएगा जहां अवैध कॉलोनी ध्वस्त की जा चुकी हैं। इस नक्शे में अगर फिर से निर्माण मिलता है तो ऐसे अवैध निर्माणकर्ता चिह्नित किए जाएंगे। इनके खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जाएगी।

मेडा ने चारों जोन में 366 अवैध कॉलोनियां चिह्नित की हैं। लोग अपनी गाढ़ी कमाई अनाधिकृत कॉलोनियों में न लगा दें, इसके लिए मेडा दफ्तर के मुख्य द्वार पर ही बड़ा सा होर्डिंग लगाया गया है। इसके अलावा वेबसाइट पर भी इन कॉलोनियों की सूची जारी कर रखी है। इसी के साथ नियमित व स्वीकृत कॉलोनियों का भी ब्यौरा दिया गया है। मेडा ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में 100 से अधिक अवैध कॉलोनियां ध्वस्त करने का दावा किया है।

मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि मेरठ महायोजना- 2031 जीआईएस सर्वे के अनुसार ही बनाई गई है। यह सेटेलाइट बेस्ड है, जिसमें जहां जिस तरह का निर्माण है, वैसा ही पता चलेगा। उन्होंने बताया कि लगातार ध्वस्तीकरण के बावजूद अवैध निर्माण की शिकायतें लगातार आ रही हैं। जहां ध्वस्तीकरण कर दिया गया, वहां पुर्ननिर्माण के मामले भी सामने आए हैं। उपाध्यक्ष ने बताया कि अवैध कॉलोनी में ध्वस्तीकरण के बाद फिर से निर्माण करने वाले नई व्यवस्था से पकड़ में आ जाएंगे। ऐसे लोगों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जाएगी।

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