9 मोहर्रम या अब्बास की सदाए गूजी
शारदा न्यूज़, संवाददाता ।
अब्दुल्लापुर में 9 मोहर्रम को मजलिसो का सिलसिला जारी रहा इमामबारगाह में मजलिस हुई उसके बाद एक मजलिस शाकिर महल पर हुई जिसको मौलाना हामिद हुसैन ने खिताब फरमाया यह मजलिस फिरोज अब्बास, मौहम्मद जमा की जानिब से हुई मजलिस में मौलाना ने करबला इराक का किस्सा बयां किया मौलाना ने बताया कि कर्बला में इमाम हुसैन और उनके साथियों को धोखे से शहीद किया गया था क्योंकि इमाम हुसैन जुल्म, अन्याय के खिलाफ खड़े थे मजलिस के बाद पूरे अब्दुल्लापुर में फिरोज अब्बास की जानिब से खाना बांटा गया उसके बाद एक मजलिस मोहल्ला गढ़ी में मरहूम सुलेमान हुसैन के मकान पर हुई रात्रि में मोहल्ला घड़ी में हजरत अब्बास और इमाम हुसैन के अल्मो की मिलाई की गई उसके बाद एक ताबूत हजरत अब्बास मोहल्ला कोट अली आबिद के यहां से बरामद हुआ जिसमें मेरठ सहित पूरे प्रदेश भर से लोग शामिल हुए और चारों तरफ या अब्बास की सदाएं गूंजती रही वही मोहर्रम को देखते हुए पुलिस प्रशासन की तरफ से अब्दुल्लापुर में चाक-चौबंद सुरक्षा रही मोहर्रम रजाकार कमेटी की तरफ से हाजी जफर अब्बास, हसन अफरोज ,सरफराज अली , रजा अहमद ,नादिर, फैसल, आमिर, रहबर अली,मंसूर, शाकिर जैदी ,शादाब जैदी आदि लोग का सहयोग रहा।